हिमखबर डेस्क
केसीसी मुख्यालय धर्मशाला में शुक्रवार को केसीसी बीओडी की बैठक में निदेशक मंडल के 11 सदस्यों ने नाराजगी जताते हुए आरसीएस को भेज दिया है।
इसके अलावा बैंक चेयरमैन को भी प्रस्ताव पारित करने को कहा है। इस बैठक में निदेशक मंडल ने सदस्यों ने सरकार द्वारा नियुक्त प्रबंध निदेशक और बैंक के महाप्रबंधक पर भी बैठकों में न आने पर भी नाराजगी जताई। हालांकि एमडी के पास डिविजन कमीशनर का भी कार्यभार है।
बीओडी के 11 सदस्यों ने पत्र लिखा है कि निदेशक मंडल के सदस्यों ने सर्वसम्मिति यह निर्णय लिया था और निर्देश जारी किए थे कि निदेशक मंडल की बैठक के प्रस्ताव और कार्यवाही हिंदी में लिखी जाए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है।
पंजीयक सहकारी सभाएं हिमाचल प्रदेश शिमला द्वारा जारी निर्देशों में स्पष्ट किया गया था कि निदेशक मंडल की बैठकों का एजेंडा और कार्यवाही हिंदी में लिखी जानी चाहिए, लेकिन उसका खुलमखुला उल्लंघन हो रहा है।
बैंक के निदेशक मंडल द्वारा सर्वसम्मति से निर्णय लिया था कि कोई भी एजेंडा वाय सर्कुलेशन पास नहीं किया या करवाया जाएगा, लेकिन यह क्रम अब भी जारी है।
पत्र में यह भी लिखा है कि बैंक के प्रबंध निदेशक बैठकों में शामिल नहीं हो रहे हैं, जबकि सरकार द्वारा उन्हें निदेशक मंडल की निगरानी में काम करने निर्देश हैं। जबकि प्रवंध निदेशक द्वारा निदेशक मंडल की बैठकों का बहिष्कार किया गया है।
प्रबंधन से नाखुश निदेशकों ने बैंक के कुछ अधिकारियों पर भी मनमानी करने के आरोप लगाए हैं। नाराज निदेशकों का आरोप है कि बैंक अधिकारियों द्वारा कुछ मुद्दों को राजनितिक रंग दिया गया है और कहा है कि राजनितिक प्रतिद्वंता के कारण असहमति पत्र दिए जाते हैं।
उनका कहना है कि निदेशक मंडल के सदस्य बैंक में हो रही किसी भी प्रकार नियमों की अवहेलना और वित्तीय हानि के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे और बैंक के अध्यक्ष से मांग करते हैं कि समय रहते उचित कदम उठाये जाएं, जिससे कि बैंक कि गिरती साख को बचाया जा सके और आरोपियों के विरुद्ध कार्यवाही करने में कोई भी कोताही या ढ़ील न बरती जाए।
क्योंकि हमे बैंक के ग्राहकों ने वहुत बड़ी जिम्मेवारी सौंपी है। निदेशक मंडल के 11 सदस्यों के अलावा कुछ अन्यों ने इस मु्ददे पर अपनी असहमति भी जताई।
एमडी के न आने से खफा बैंक के अध्यक्ष
उधर बैंक के अध्यक्ष कुलदीप पठानिया का कहना है कि निदेशक मंडल के सदस्यों ने हिंदी में एजेंडा व कार्यवाही न मिलने पर अपनी नाराजगी जताई है। इसके अलावा बैठक में एमडी के न आने पर भी उन्होंने नाराजगी व्यक्त है। लेकिन सारे मामले को सुलझाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। अगली बैठक में एजेंडा हिंदी में ही देने को कहा गया है।