हिमखबर डेस्क
ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि मंगलवार को निर्जला एकादशी व्रत रखा जाएगा। इस साल एकादशी तिथि सोमवार और मंगलवार दो दिन होने से लोग असमंजस में हैं। शास्त्रों के अनुसार उदया तिथि यानी मंगलवार को ही निर्जला एकादशी व्रत रखा जाएगा।
निर्जला एकादशी व्रत को सभी 24 एकादशियों में से श्रेष्ठ माना जाता है। यह व्रत सभी एकादशियों में सबसे कठोर माना जाता है। इस व्रत को सूर्य उदय से सूर्यास्त तक बिना अन्न और जल के रखा जाता है। निर्जला एकादशी व्रत रखकर पारण करने से अक्षय फल प्राप्त होता है।
शाहपुर दुरगेला के विख्यात पंडित अनीश कुमार शास्त्री ने बताया कि ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 17 जून सुबह 4:44 बजे शुरू होगी। 18 जून सुबह 6:25 बजे तक एकादशी तिथि रहेगी। द्वादशी तिथि 19 जून तक रहेगी इसलिए 19 जून यानी बुधवार को व्रत का पारण किया जाएगा। बुधवार सुबह 5:24 से सुबह 7:29 बजे के बीच एकादशी व्रत का पारण किया जाएगा।
एकादशी तिथि भगवान विष्णु को अतिप्रिय है। यह व्रत ज्येष्ठ मास में पड़ने के कारण इस दिन गर्मी से राहत देने वाली शीतल वस्तुओं का दान करना चाहिए। इस दिन वस्त्रदान, छत्र, जूता और फल दान करने से शुभ फल प्राप्त होता है।