कांग्रेस विधायक मुकेश अग्निहोत्री; राकेश कालिया, भाजपा के सतपाल सिंह सत्ती ने वर्ष 2003 में एक साथ शुरू किया था राजनीतिक सफर
शिमला – नितिश पठानियां
हिमाचल प्रदेश की राजनीति में वर्ष 2003 में पर्दार्पण करने वाली जिला ऊना की तीन आवाजें फिर से विधानसभा में सुनने को मिलेंगी। वर्ष 2003 में हुए विधानसभा चुनाव में जिला ऊना को चार विधायक ऐसे मिले थे, जो पहली बार विधानसभा चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे।
इनमें से कुटलैहड़ से वीरेंद्र कंवर व ऊना सदर से सतपाल सिंह सत्ती भाजपा टिकट से चुनाव जीतने में कामयाब हुए थे, तो विधानसभा क्षेत्र संतोषगढ़ से मुकेश अग्निहोत्री, तो चिंतपूर्णी विधानसभा क्षेत्र से राकेश कालिया कांग्रेस टिकट पर पहली बार चुनाव जीतने में कामयाब हुए थे।
बेशक इस बार सिर्फ वीरेंद्र कंवर ही ऐसे नेता हैं, जो विधानसभा नहीं पहुंचे हैं, जबकि वर्ष 2003 बैच के अन्य तीनों नेता एक साथ विधानसभा की गरिमा बढ़ाएंगे। वर्ष 2003 में चुनाव जीतने वाले जिला ऊना के ये चारों दिग्गज वर्ष 2017 तक एक साथ विधानसभा में रहे।
इनमें से राकेश कालिया ऐसे नेता रहे, जिन्होंने विधानसभा क्षेत्र बदलकर भी जीत की हैट्रिक लगाई, जबकि अन्य तीनों नेता भी जीत की हैट्रिक लगाने में कामयाब रहे। वर्ष 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में राकेश कालिया व सतपाल सिंह सत्ती का जीत का चौका लगाने का सपना टूटा, तो वीरेंद्र कंवर व मुकेश अग्निहोत्री ने जीत का चौका लगाकर अपना राजनीतिक कद और ऊंचा कर लिया।
वर्ष 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में राकेश कालिया की कांग्रेस ने टिकट काट दी, तो मुकेश अग्निहोत्री हरोली विधानसभा क्षेत्र से पांचवीं बार चुनाव जीतने में कामयाब रहे। सतपाल सिंह सत्ती ने भी ऊना सदर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतकर चौथी बार विधानसभा की दहलीज पार कर ली, लेकिन इस बार वीरेंद्र कंवर लगातार पांचवीं बार चुनाव जीतने का रिकार्ड अपने नाम नहीं कर सके।
हिमाचल में संयोगवश आए उपचुनावों में विधानसभा क्षेत्र गगरेट से राकेश कालिया को फिर से कांग्रेस टिकट पर चुनाव लडऩे का मौका मिला तो उन्होंने चौथी बार चुनाव जीत भी लिया। अब जिला ऊना से सबसे जूनियर विधायक के रूप में विधानसभा क्षेत्र कुटलैहड़ के विवेक विक्कू होंगे, जबकि चिंतपूर्णी के विधायक सुदर्शन बबलू भी ऐसे विधायक होंगे, जो पहली बार विधानसभा पहुंचे हैं।
मुकेश अग्निहोत्री के साथ सतपाल सिंह सत्ती व राकेश कालिया ऐसे विधायक होंगे, जिन्हें विधानसभा का भी लंबा तजुर्वा होगा। ऐसे में उम्मीद की जा सकती है कि विधानसभा में अब जिला ऊना से संबंधित मुद्दे ज्यादा बुलंद आवाज के साथ उठ पाएंगे।
कांग्रेस के पास जिला ऊना से ही पांच में से चार विधायक होंगे। वह भी तब जब जिला ऊना से ही मुकेश अग्निहोत्री के रूप में सरकार में सत्ता की भागीदारी निभाने वाले उपमुख्यमंत्री भी हैं।