देहरा – शिव गुलेरिया
हरिपुर के साथ लगते पोंग बांध क्षेत्र भटोली फकोरिया में आज वन्य प्राणी विभाग की टीम डिप्टी रेंजर प्रीतम चंदेल के नेतृत्व में पहुंची उन्होंने इस दौरान पोंग बांध क्षेत्र में अवैध रूप से गेहूं खेती करने के लिए लोगों द्वारा लगाई गई तारबंदी को हटाने के निर्देश जारी किया।
गौर तलब है कि पोंग बांध का निर्माण सन 1972 में हुआ था। इसके बाद हर वर्ष बरसात के दिनों में पोंग बांध का जलस्तर इसमें विलय होने वाली नदी नालों में अत्यधिक पानी आने के कारण बढ़ जाता है। फिर इस पानी को सारा साल बिजली के उत्पादन तथा सिंचाई के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
बरसात के मौसम के बाद जब पौंग झील में पानी का जलस्तर कम होने लगता है, तो आसपास के गांव के निवासी इस खाली पड़ी भूमि पर गेहूं की खेती करके अपना व अपने परिवार का गुजारा करते थे, परंतु पिछले कुछ वर्षों से झील में आने वाले प्रवासी पक्षियों के कारण सन 2012 में इसे बर्ड सेंचुरी घोषित कर दिया गया।
जिसके बाद विभाग द्वारा यहां पर खेती करने के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया गया परंतु फिर भी लोग चोरी छिपे इस खाली क्षेत्र में खेती करते रहे। पिछले लगभग तीन-चार वर्षो से अब विभाग द्वारा सख्ती करते हुए खेती करने पर प्रतिबंध पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है तथा लोगों द्वारा लगवाई गई तारबंदी को हटाया जा रहा है।
डिप्टी रेंजर वन्य प्राणी विभाग प्रीतम चंदेल के बोल
इस दौरान डिप्टी रेंजर वन्य प्राणी विभाग प्रीतम चंदेल ने बताया कि पोंग बांध एक वन्य सेंचुरी है। इसके अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में खेती करने पर वन्य प्राणी विभाग द्वारा पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया गया है। जिस पर कार्यवाही करते हुए आज उन्होंने अपनी टीम के साथ उच्च अधिकारियों के निर्देशानुसार खेती करने के लिए जो लोगों द्वारा तारबंदी की गई है। उसे जल्द ही हटाने के लिए लोगों को कहा गया है। अगर लोग ऐसा नहीं करते हैं तो उनके विरुद्ध विभागीय नियमों के अनुसार कार्यवाही की जाएगी।