हिमखबर डेस्क
प्रदेश के सबसे बड़े राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं अस्पताल पपरोला को आज तक ब्लड बैंक की सुविधा नहीं मिल पाई है। यहां अल्ट्रासाउंड की सेवाएं भी कई सालों से बंद हैं। यहां पहले कई साल तक अल्ट्रासाउंड की सुविधा उपलब्ध थी। लेकिन बाद में पीएनडीटी एक्ट में बने नियमों में आयुर्वेदिक चिकित्सकों को अल्ट्रासाउंड करने की अनुमति बंद कर दी गई थी।
मरीजों की परेशानी को देखते हुए यहां कुछ समय तक रोगी कल्याण समिति के माध्यम से निजी रूप से रेडियोलॉजिस्ट की सेवाएं भी ली गई। लेकिन उसके बाद वह भी बंद कर दी गई। मौजूदा समय में यहां आने वाले मरीजों को महंगे दामों पर बाहर अल्ट्रासाउंड करवाना पड़ रहा है। क्योंकि बैजनाथ अस्पताल में भी अल्ट्रासाउंड की सुविधा नहीं है।
इसके अलावा आयुर्वेदिक अस्पताल पपरोला में कई सालों से ब्लड बैंक खोलने की भी मांग उठती आई है। लेकिन यहां ब्लड बैंक भी शुरू नहीं हो पाया। इस कारण अब आयुर्वेदिक अस्पताल में कोई बड़ी सर्जरी भी नहीं हो पाती है। यहां तक की यहां स्त्री रोग विभाग में सिजेयरिन भी नहीं हो पा रहा है।
हालांकि पहले ऐसी किसी सर्जरी में यहां के चिकित्सक पालमपुर ब्लड बैंक से मरीजों के तामीरदारी से ब्लड मंगवा लेते थे। लेकिन अब ब्लड बैंक के लिए बने कड़े नियमों के बाद यह भी पूरी तरह से बंद हो गया है।
ऐसे में अब यहां होने वाली बच्चों की डिलीवरी करवाने से भी चिकित्सक अधिकतर किनारा कर लेते हैं। अगर सरकार चाहे, तो यहां भी एलोपैथी चिकित्सकों की मदद से ब्लड बैंक व अल्ट्रसाउंड की सुविधा शुरू की जा सकती है।
डॉ. विजय चौधरी, प्राचार्य के बोल
अगर यहां ब्लड बैंक व अल्ट्रासाउंड की सुविधा शुरू होती है। तो इसका लाभ यहां के लोगों को मिल सकता है। सरकार के ध्यान में यह मामला लाया जाएगा। ताकि लोगों को इससे सुविधा मिल सके।
किशोरी लाल, सीपीएस एवं विधायक बैजनाथ के बोल
आयुर्वेदिक असपताल और बैजनाथ अस्पताल सहित चढ़ियार, बीड़ व मुल्थान में भी स्वास्थय सेवाएं और सुदृढ़ करवाई जा रही है। ताकि लोगों को इससे अधिक लाभ मिल सके। पपरोला अस्पताल में ब्लड बैंक और अल्ट्रासाउंड की सुविधा के लिए भी प्रयास होगा।