बिना लिखित परीक्षा भर्ती होंगे 3104 शिक्षक, 13 माह से जिन स्कूलों में हैं रिक्त पद वहां होंगी नियुक्तियां.
शिमला – नितिश पठानियां
राज्य के सरकारी स्कूलों में मासिक मानदेय के आधार पर अस्थायी शिक्षकों की नियुक्तियां होंगी। मंगलवार को हुई मंत्रिमंडलीय उपसमिति की बैठक में लिए निर्णय के बाद शिक्षा विभाग ने नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी है। प्रारंभिक शिक्षा विभाग के निदेशक घनश्याम चंद ने इस संबंध में सभी जिलों के उपनिदेशकों को सर्कुलर जारी कर दिया है।
हिमाचल के जनजातीय, पिछड़े व दुर्गम क्षेत्रों के अलावा प्रदेश के ऐसे स्कूल, जहां 13 माह से शिक्षकों के पद रिक्त हैं, वहां पर अस्थायी आधार पर नियुक्तियां की जाएंगी।
विभाग का तर्क है कि पदोन्नति और सेवानिवृत्ति के कारण स्कूलों में शिक्षकों के पद रिक्त हो रहे हैं। जनजातीय, पिछड़े व दुर्गम क्षेत्रों में शिक्षक नहीं जाते हैं। इस कारण अस्थायी आधार पर नियुक्तियां की जाएंगी।
निकालना होगा विज्ञापन, तीन साल के लिए होगी नियुक्ति
विभाग की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि निदेशक प्रारंभिक व उच्चतर शिक्षा के अलावा उपनिदेशक रिक्त पदों पर भर्ती के लिए पहले विज्ञापन निकालेंगे। पात्र अभ्यर्थियों को आवेदन करने के लिए 15 दिन का समय दिया जाएगा।
तीन साल अनुबंध के आधार पर इनकी नियुक्ति होगी। इसके लिए एनसीटीई नियमों का पालन किया जाएगा। भर्ती एवं पदोन्नति नियमों को ध्यान में रखकर नियुक्तियां की जाएंगी।
जिला कैडर के पदों की स्क्रीनिंग उपनिदेशक प्रारंभिक शिक्षा के स्तर पर होगी। राज्य कैडर वाले पदों की उच्चतर शिक्षा विभाग के निदेशक की अध्यक्षता में कमेटी स्क्रीनिंग करेगी। इसके बाद परिणाम जारी किया जाएगा।
स्कूल प्रमुख का होगा दायित्व, आरक्षण रोस्टर भी लागू होगा
विभाग की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि संस्थान यह सुनिश्चित करें कि किसी भी अयोग्य शिक्षक को नियुक्ति न मिले। इसके लिए उनके दस्तावेजों की गहनता से जांच करें। यदि कोई अयोग्य शिक्षक नियुक्ति पा लेता है तो उसके लिए संस्थान प्रमुख जिम्मेदार होगा। विभाग उसके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगा। भर्ती के लिए आरक्षण रोस्टर भी लागू होगा।
नियमित शिक्षक आने व नई भर्ती पर जा सकती है नौकरी
शिक्षा विभाग ने जो नियम बनाया है उसके तहत जिन पदों पर अस्थायी भर्ती होगी उन्हें कभी भी हटाया जा सकता है। यदि उस स्कूल में कोई नियमित या अनुबंध शिक्षक ट्रांसफर होकर आता है या नई भर्ती होती है तो अस्थायी शिक्षक की सेवाएं समाप्त मानी जाएंगी।
कला अध्यापक पद के लिए 100 बच्चों की शर्त
सर्कुलर में स्पष्ट किया गया है कि सरकार के निर्देशानुसार कला अध्यापक पद उन राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में भरे जाएंगे जहां बच्चों की संख्या 100 व इससे अधिक है। वर्तमान में प्रदेश में कला अध्यापक के 881 व पीईटी के 947 पद रिक्त हैं।
शिक्षकों की तैनाती के लिए टेट अनिवार्य
शिक्षा विभाग की ओर से जारी सर्कुलर में कहा गया है कि शिक्षकों की तैनाती के लिए टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (टेट) अनिवार्य है। बिना टेट पास नियुक्ति के लिए पात्र नहीं होंगे।
नियमित से 40 प्रतिशत कम मिलेगा मानदेय
शिक्षा विभाग जिन शिक्षकों को नियुक्ति देगा उन्हें निर्धारित मानदेय दिया जाएगा। यह नियमित शिक्षकों से 40 प्रतिशत कम होगा।
शिक्षकों की तैनाती पर कितना होगा खर्च
अस्थायी शिक्षकों की तैनाती पर 74,90,89,320 रुपये खर्च होंगे। यदि विभाग नियमित आधार पर इन पदों को भरता तो साल में यह राशि 40 प्रतिशत अधिक बढ़ जानी थी।
एसएमसी शिक्षकों की भर्ती में यही थे नियम
एसएमसी शिक्षकों की जब भर्ती हुई थी तो ऐसे ही नियम थे। बाद में सरकार ने इनके लिए नियम बदले। नियमित शिक्षक के आने के बाद इनकी नौकरी न जाए, इसके लिए करार में कई शर्तों को हटाया गया। प्रदेश में 2555 के करीब एसएमसी शिक्षक स्कूलों में कार्यरत हैं।