आवारा पशुओं से परेशान महिला किसान आधी रात तक सुबह-शाम दो शिफ्टें लगाकर बचा रही गेहंू की फसल
व्यूरो रिपोर्ट
आवारा पशुओं से परेशान घलौड़ा पंचायत की महिलाएं आधी रात तक हाथों में लाठियां लिए हुए अपने खेतों की रखवाली करने के लिए मजबूर है। यही नहीं महिलाओं ने खेतों की रखवाली करने के लिए दो शिफ्टें बनाई है, जिनमें कुछ महिलाएं सुबह से शाम व अन्य शाम से देर रात तक अपने खेतों की जंगली व आवारा पशुओं से रखवाली करती है।
ऐसा ही एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। महिलाओं का आरोप है की बेसहरा पशुओं की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, लेकिन न तो स्थानीय पंचायत और न ही प्रशासन और सरकार इस और कोई उचित कदम उठा रही है। महिलाओं का कहना है कि राशन तो उन्हें डिपुओं से प्राप्त हो जाता है, लेकिन पशुओं का चारा आजकल इतना महंगा है कि वह इसकी खरीद नहीं कर सकते।
ऐसे में उन्होंने अपनी फसलें बीजी है, लेकिन आवारा पशुओं के कारण उन्हें काफी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। इस मामले को लेकर गो समन्वय मंच जिला कांगड़ा के महासचिव सुनील शर्मा ने कहा कि प्रदेश में पिछली सरकार भी किसानों को बेसहारा पशुधन से निजात दिलाने में कामयाब नही हुई।
स्थानीय निवासी सुनील शर्मा ने वर्तमान सरकार से ही अपेक्षा कि है कि यह गोशालाएं ठीक रहेंगी, तो सडक़ से उठाया बेसहारा पशुधन जिंदा रह पाएगा और गोशालाओं को आगे बढ़ाकर और बेसहारा पशु धन को गोशालाओं में रखकर किसानों को भी बेसहरा पशु धन से किए जा रहे फसलों के नुकसान से राहत मिल सकती है।
उन्होंने कहा कि इसे लेकर सरकार को और ठोस कदम उठाने चाहिए कि लोग अपने घरों में बांधे हुए गोवंश को सडक़ों पर न छोड़ें। उन्होंने कहा कि देखना यह होगा कि वर्तमान सरकार कैसे किसानों को बेसहारा पशु धन द्वारा किए जा रहे फसलों के नुकसान से राहत दिलाती है। वहीं वर्तमान सरकार से किसानों को बहुत उम्मीद है।
आवारा पशुओं से छुटकारा दिलाए सरकार
घलौड़ा में आवारा पशुओं से परेशान दर्जनों महिलाएं रात भर ठीकरी पहरा दे रही है, जिनमें 78 वर्षीय बुजुर्ग महिला अग्रेजो देवी, पूर्व बार्ड सदस्य नीलम कुमारी, अंजु, अनीता, सबीना, राजराणी, पम्मी और कंचना आदि महिलाओं ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मांग की है कि जल्द हमें क्षेत्र में घूम रहे आवारा पशुओं से छुटकारा दिलाया जाए।