अतिरिक्त उपायुक्त ने सौंपी जिम्मेदारी, जिला परिषद कर्मचारी ने अपने खाते में डलवाए थे पंचायतों के पैसे
हिमखबर डेस्क
15वें वित्त आयोग के करीब 42 लाख रुपए अपने खाते में डलवाने वाले जिला परिषद कार्यालय के सस्पेंड कर्मचारी मामले की जांच अब एसडीएम हमीरपुर करेंगे। अतिरिक्त उपायुक्त मनेश यादव ने एसडीएम हमीरपुर मनीष सोनी को जांच अधिकारी नियुक्त किया है।
एसडीएम हमीरपुर पंचायत अधिकारियों के सहयोग से मामले की जांच को आगे बढ़ाएंगे। लाखों रुपए की गलत ट्रांजेक्शन मामले में जिला की 14 ग्राम पंचायतों की कार्यशैली भी संदेह के घेरे में आ गई है। इन पंचायतों के लेनदेन का रिकार्ड खंगाला जाएगा। प्रशासनिक स्तर से पंचायत प्रतिनिधियों तथा सचिवों से मामले में इन्क्वायरी होगी।
संदेह के घेरे में आई 14 ग्राम पंचायतें भोरंज, बड़सर, हमीरपुर तथा नादौन विकास खंड की हैं। बता दें कि जिला परिषद कार्यालय हमीरपुर के एक कर्मचारी ने 15वें वित्त आयोग के लाखों रुपए पंचायतों के माध्यम से अपने निजी बैंक अकाउंट में डलवाए हैं।
साथ ही ऐसी पंचायतों को रुपए ट्रांसफर कर दिए, जिनके लिए बजट आया ही नहीं था। बाद में उन पंचायतों के माध्यम से बजट की राशि को वापस करने का जो प्रोसेस अपनाया गया वह नियमों के विपरीत बताया जा रहा है। बजट की राशि को इन पंचायतों ने पंचायती राज विभाग के सरकारी बैंक अकाउंट में भेजने की बजाए जिला परिषद कार्यालय के एक कर्मचारी के खाते में ट्रांसफर कर दिया।
अतिरिक्त उपायुक्त हमीरपुर मनेश यादव ने कहा कि मामले की जांच का जिम्मा एसडीएम हमीरपुर को सौंपा है। एसडीएम मामले की पूरी जांच करने के बाद रिपोर्ट सौंपेंगे। जिला पंचायत अधिकारी की तरफ से इस मामले को उनके ध्यान में लाया गया है।
लिखित आदेशों का इंतजार
उपमंडल अधिकारी हमीरपुर मनीष सोनी का कहना है कि अभी तक लिखित आदेश उनके पास नहीं पहुंचे हैं। हालांकि इस बात की जानकारी मिली है कि उन्हें जांच अधिकारी नियुक्त किया है। लिखित आदेश प्राप्त होने के उपरांत मामले में गहनता से जांच की जाएगी।