42 करोड़ की बौह दरिणी पेयजल परियोजना को दुरुस्त करने में बजट की कमी आ रही आड़े

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बजट के अभाव से पेयजल समस्या से निपटने में विभाग के हाथ खड़े, कोटला क्षेत्र की 13 पंचायतों में पेयजल किल्लत।

ज्वाली – व्यूरो रिपोर्ट

विधानसभा क्षेत्र ज्वाली के अधीन कोटला बैल्ट की पंचायत कोटला, भाली, त्रिलोकपुर, सोलदा, पद्दर, भलाड़, आंबल, बेहि पठियार, कोठीवंडा, सियूनी, जांगल, डोल, कुठेहड़, अमनी इत्यादि पंचायतों में पेयजल समस्या को दूर करने के लिए पूर्व की भाजपा सरकार द्वारा 42 करोड़ की लागत बौह दरिणी पेयजल परियोजना तैयार करके लोगों के घरों तक पानी पहुंचाया गया था।

इस पेयजल परियोजना में बौह दरिणी से पानी लिफ्ट करके 16 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन बिछाकर उक्त पंचायतों में पानी पहुंचाया गया था तथा लोगों को पेयजल सप्लाई के लिए इस परियोजना में 17 ओवरहैड टैंक भी निर्मित किए गए थे।

इस परियोजना में धार सोलदा में पानी को फिल्टर करने के लिए जल संशोधन संयंत्र निर्मित होना ही शेष बचा था, जिसके लिए वन विभाग से क्लियरेंस लेनी थी। जब तक वन विभाग से क्लियरेंस नहीं मिली तब तक भाजपा सरकार ने सीधे ही जनता को पानी उपलब्ध करवा दिया था तथा जनता को पेयजल समस्या से निजात मिली थी।

वर्ष 2022 में बरसात के मौसम में एक जगह स्लाइडिंग होने से इस परियोजना की पाइपें टूट गई थीं जिनको मौजूदा समय में सत्तासीन कांग्रेस सरकार दुरुस्त नहीं करवा पाई है। मौजूदा समय में उपरोक्त पंचायतों में पेयजल समस्या से पंचायतों के लोग जूझ रहे हैं।

42 करोड़ की लागत से निर्मित बौह दरिणी परियोजना पिछले करीबन 8 माह से बन्द पड़ी है जिसके चलते उक्त पंचायतों की जनता में प्रदेश सरकार व जल शक्ति विभाग के खिलाफ भारी आक्रोश है।

समस्त पंचायतों की जनता ने कहा है कि अगर इस प्रोजेक्ट को जल्द दुरुस्त करवाकर पानी नहीं पहुंचाया गया तो अधिशाषी अभियंता जवाली कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया जाएगा तथा लोस चुनाव में कांग्रेस को भी इसका जबाब मिल जाएगा।

बजट मुहैया करवाए सरकार तो बने बात

जल शक्ति विभाग जवाली द्वारा जनता को पेयजल समस्या से निजात दिलाने के लिए हरसंभव प्रयास किया जा रहा है लेकिन इसमें बजट की कमी आड़े आ रही है। जल शक्ति विभाग जवाली के पास पर्याप्त बजट ही नहीं है तो विभाग अपनी परियोजनाओं को सिरे कैसे चढ़ाएगा। प्रदेश सरकार बजट उपलब्ध नहीं करवा रही है।

जल शक्ति विभाग ने मैरा ट्यूबवेल से भलाड़, बेहि पठियार तक पेयजल पहुंचाने की योजना बनाई हुई है लेकिन बजट का प्रावधान नहीं है। जिला कांगड़ा से इकलौते मंत्री चन्द्र कुमार के अपने गृह क्षेत्र जवाली में ही पेयजल किल्लत है तथा मंत्री साहब विभाग को बजट उपलब्ध करवाने में नाकाम दिख रहे हैं। जनता में मंत्री चन्द्र कुमार के खिलाफ भी आक्रोश है।

भाजपा नेता संजय गुलेरिया के बोल

इस बारे में भाजपा नेता संजय गुलेरिया ने कहा कि पूर्व की भाजपा सरकार ने कोटला क्षेत्र की 13 पंचायतों में पानी की किल्लत को दूर करने के लिए 42करोड़ की लागत से बौह दरिणी प्रोजेक्ट लगाया था जिसका जनता को लाभ मिला।

उन्होंने कहा कि धार सोलदा में पानी को फिल्टर करने के लिए जल संशोधन संयंत्र टैंक का निर्माण ही शेष बचा था क्योंकि उसके लिए वन विभाग से क्लियरेंस चाहिए थी। उन्होंने कहा कि इसके बाद भी लोगों को डायरेक्ट ही पानी इस प्रोजेक्ट से पहुंचाया गया।

बाद में वन विभाग की क्लियरेंस मिल गई परन्तु आचार संहिता लगने के कारण कार्य शुरू नहीं हो पाया। अब कांग्रेस सरकार व मंत्री चन्द्र कुमार इस कार्य को नहीं करवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस पर कांग्रेस सरकार राजनीति कर रही है।

विभागीय अधिशाषी अभियंता के बोल

इस बारे में जल शक्ति विभाग जवाली के अधिशाषी अभियंता अजय शर्मा ने कहा कि बरसात में भूस्खलन से पाइपें टूट गई थीं तथा पानी को फिल्टर करने के लिए जल संशोधन संयंत्र का निर्माण होना है। उन्होंने कहा कि जिस जगह स्लाइडिंग हुई है उसके लिए राज्य भू विभाग को लिखा गया है।

उन्होंने कहा कि भू वैज्ञानिकों की टीम जल्द ही उक्त स्थान का दौरा करेगी तथा उसकी रिपोर्ट के बाद ही कार्य होगा। अगर रिपोर्ट सही रही तो पाइपों को बिछाया जाएगा अन्यथा इसका रूट बदला जाएगा।

मंत्री चन्द्र कुमार के बोल

कृषि एवं पशुपालन मंत्री चन्द्र कुमार ने कहा कि जल शक्ति विभाग को पर्याप्त बजट मुहैया करवाया जाएगा। इस परियोजना को भी जल्द ही शुरू करवाया जाएगा।

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