शिमला – नितिश पठानियां
हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार एक बार फिर अपने फैसलों को लेकर सुर्खियों में है। ताजा मामला शिक्षा विभाग हमीरपुर के उप निदेशक द्वारा स्कूलों में जादू शो आयोजित कर सरकारी राहत कोष में पैसा जमा करने के आदेश का है, जिस पर विपक्ष ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
विपक्ष का कहना है कि हिमाचल प्रदेश सरकार की आर्थिक स्थिति इतनी खराब हो गई है कि अब स्कूलों में जादू दिखाकर पैसे जुटाए जा रहे हैं, जो सरकार की बदहाली को दर्शाता है।
भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने सदन में कहा, “सरकार की वित्तीय स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि अब स्कूलों में जादू दिखाकर कमाई का 30% मुख्यमंत्री राहत कोष या आपदा कोष में भेजने के आदेश दिए जा रहे हैं।
यह सरकार की स्थिति को दर्शाता है। कांग्रेस ने चुनावों में झूठी गारंटियां दी थीं, जो अब गले पड़ रही हैं। कभी मंदिरों से पैसा, कभी टॉयलेट टैक्स और अब इस तरह के फैसले।”
शिक्षा मंत्री का बयान
विपक्ष के हमले के बाद शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने इस आदेश को वापस लेने के निर्देश दिए और कहा, “यह नया विचार नहीं है कि स्कूलों में जादू शो किए जाएं, लेकिन इस प्रकार की चिट्ठी जारी करने का कोई औचित्य नहीं था।
उप निदेशक ने यह आदेश जारी किया था, लेकिन अब उसे वापस ले लिया गया है। उप निदेशक को इस मामले में स्पष्टीकरण देने के निर्देश भी दिए गए हैं।”
आर्थिक संकट में फंसी सरकार पर सवाल
यह आदेश 11 मार्च को डिप्टी डायरेक्टर एलिमेंटरी एजुकेशन हमीरपुर द्वारा जारी किया गया था, जिसमें एक जादूगर को सरकारी स्कूलों में जादू दिखाने के लिए अधिकृत किया गया था।
आदेश में स्पष्ट रूप से लिखा गया था कि जादू शो की कमाई का 30% मुख्यमंत्री राहत कोष या आपदा कोष में जमा किया जाए। इसके बाद यह मामला सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और विपक्ष ने सुक्खू सरकार को घेरते हुए हमला किया।
विपक्ष का कहना है कि सरकार बार-बार कहती है कि उसके पास पैसे की कमी नहीं है, लेकिन फिर इस तरह के आदेश जारी कर सरकार की वित्तीय स्थिति को उजागर किया जा रहा है। सुक्खू सरकार अब इस विवाद के बाद विपक्ष के निशाने पर है।

