हिमाचल राज्य स्थापना दिवस: सरकारी क्षेत्र में भरे जाएंगे 25 हजार पद, पूर्ण राज्यत्व दिवस पर सीएम की ये घोषणाएं

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बैजनाथ – आशुतोष

हिमाचल प्रदेश के पूर्ण राज्यत्व दिवस पर राज्य स्तरीय समारोह शुक्रवार को बैजनाथ में मनाया गया।  मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सुबह 11:00 बजे  राष्ट्रीय ध्वज फहराया और मार्च पास्ट की सलामी ली। परेड में राज्य पुलिस, जिला पुलिस, आईआरबी, ट्रैफिक पुलिस, गृहरक्षक, एनसीसी और भारत स्काउट्स एंड गाइड्स की टुकड़ियां शामिल हुईं।

इसके बाद सीएम ने जनता को संबोधित किया। इस दाैरान उन्होंने कई बड़ी घोषणाएं कीं। सीएम ने कहा अप्रैल से बीपीएल पात्रों के चयन के लिए सर्वे होगा। बीपीएल का सत्यापन एसडीएम की जिम्मेदारी होगी। दो महीने के भीतर आईजीएमसी शिमला में पेट स्कैन मशीन स्थापित की जाएगी। धर्मशाला में सबसे बड़ा कन्वेंशन सेंटर बनाया जाएगा। कांगड़ा एयरपोर्ट के विस्तारीकरण पर 3500 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं।

सरकार शिमला में 1600 करोड़ की लागत से दुनिया का दूसरा बड़ा रोपवे बना रही है। 16 हेलीपोर्ट का निर्माण कार्य प्रगति पर है। प्रारंभिक शिक्षा विभाग में 2025 में आठ हजार पद भरे जाएंगे। इसके अलावा 245 पद स्पेशल एजुकेटर व 6 हजार पद एनटीटी शिक्षकों के भरे जाएंगे। सरकारी क्षेत्र में 25 हजार विभिन्न पद भरने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
सीएम ने कहा कि बैजनाथ में पहली बार राज्यस्तरीय पूर्ण राज्यत्व दिवस समारोह मनाया जा रहा है। उन्होंने चढ़ियार को तहसील बनाने, लोक निर्माण का नया उपमंडल खोलने, डिजिटल लाइब्रेरी खोलने की घोषणा की। साथ ही  महलपट्टी में राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल खोलने की भी घोषणा की। 

ये घोषणाएं भी कीं

  • तत्वानी में गर्म पानी के स्रोत को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए एक विस्तृत योजना तैयार की जाएगी।
  • पपरोला-बैजनाथ के लिए बाईपास रोड टाशीजोंग से आवाही नाग मोड़ तक विनवा नदी पर सनसाली-भटवाली पर पुल का निर्माण किया जाएगा। मिनी हरिद्वार के नाम से प्रसिद्ध खीर गंगा घाट को विकसित किया जाएगा।
  • इंदिरा गांधी स्टेडियम बैजनाथ के सौंदर्यीकरण के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध करवाया जाएगा।
  • संसाल में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने की घोषणा।
  • राजकीय महाविद्यालय बैजनाथ में राजनीति विज्ञान व समाज शास्त्र विषय में एमए शुरू होगी।
  • प्रदेश में बहुत बड़ी संख्या में भेड़-बकरी पालक अपना जीवनयापन पशुपालन से करते हैं। सरकार घुमंतू पशुपालकों के हितों को सुरक्षित करने के लिए उनके चरागाहों को विकसित करेगी।
  • उनके अधिकारों को वन अधिकारी अधिनियम के तहत सुरक्षित करेंगे और उनके परंपरागत रास्तों में विकास गतिविधियों के कारण आए बदलाव से पैदा हुई समस्याओं को हल किया जाएगा।
  • भेड़-बकरी पालन को ईको-फ्रेंडली तरीके से विकसित करेंगे। साथ ही वूल फेडरेशन और वूल बोर्ड को मजबूत किया जाएगा। हालांकि, सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए चार फीसदी महंगाई भत्ते की घोषणा नहीं हुई। इससे कर्मियों को निराशा ही हाथ लगी है।
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