हिमाचल में समोसा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है, सीएम सुक्खू बोले बीजेपी ने इस मुद्दे को राजनीतिक मुद्दा बनाया, भाजपा विधायक ने सीएम सुक्खू के लिए ऑर्डर किए 11 समोसे
शिमला – नितिश पठानियां
हिमाचल प्रदेश में समोसा राजनीति अपने चरम पर है। समोसे पर चल रहे विवाद के बीच भाजपा विधायक ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के लिए ऑनलाइन 11 समोसे ऑर्डर किए। हमीरपुर से विधायक आशीष शर्मा ने शनिवार को सोशल मीडिया पर यह जानकारी साझा की।
आशीष शर्मा ने फेसबुक पर पोस्ट करते हुए कहा कि प्रदेश पहले ही बेरोजगारी, वित्तीय संकट, कर्मचारियों की पेंशन में देरी और डीए बकाया जैसी समस्याओं से जूझ रहा है। ऐसे समय में मुख्यमंत्री सुक्खू जी के लिए लाए गए समोसों पर सीआईडी जांच का आदेश देना बेहद निराशाजनक है।
विधायक ने आगे लिखा, जब हिमाचल के लोग अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं, तो सरकार को असली मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, न कि ऐसे छोटे मामलों पर। इसी विरोध स्वरूप, मैंने मुख्यमंत्री महोदय को 11 समोसे भेजे हैं, ताकि उन्हें याद दिला सकूं कि जनता की असली समस्याओं का समाधान करना अधिक महत्वपूर्ण है। हमें उन मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए जो वाकई मायने रखते हैं।

विधायक सुधीर शर्मा के बोल
धर्मशाला से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक सुधीर शर्मा ने एक बयान में कहा कि कांग्रेस सरकार ने हिमाचल प्रदेश को देश में हंसी का पात्र बना दिया है।
सांसद राजीव भारद्वाज के बोल
प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष और कांगड़ा के सांसद राजीव भारद्वाज ने पूछा कि समोसे के साथ डिब्बे में ऐसा क्या था, जिसके कारण सरकार को जांच के आदेश देने पड़े। भाजपा की युवा शाखा भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) की प्रदेश इकाई ने शनिवार को शिमला में समोसे बांटे और गंभीर मुद्दों की अनदेखी करने और छोटे-मोटे मामलों की जांच करने के लिए सरकार के खिलाफ नारे लगाए।
प्रदेश भाजयुमो अध्यक्ष तिलक राज के बोल
प्रदेश भाजयुमो अध्यक्ष तिलक राज ने कहा कि लोग सरकार से नाखुश हैं, शिक्षित और बेरोजगार युवाओं के पास नौकरी नहीं है, लेकिन सीआईडी समोसे न परोसने की जांच कर रही है। उन्होंने दावा किया कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब हो गई है।
प्रदेश भाजपा मीडिया प्रभारी करण नंदा के बोल
प्रदेश भाजपा मीडिया प्रभारी करण नंदा ने कहा कि सरकार सभी मोर्चों पर विफल रही है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश, जिसे “देवभूमि” के रूप में जाना जाता है, शौचालय कर, माल ढुलाई कर और समोसे की जांच जैसे सभी गलत कारणों से चर्चा में है।

मुख्यमंत्री की ओर से दिया गया स्पष्टीकरण
उधर, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने कहा कि राज्य सरकार ने ऐसी किसी जांच का आदेश नहीं दिया है और यह सीआईडी का आंतरिक मामला हो सकता है, एजेंसी ने भी यही रुख अपनाया है।
सीएम सुक्खू ने शुक्रवार को कहा था कि जांच अधिकारियों के दुर्व्यवहार की है, लेकिन मीडिया ने इसे समोसे गायब होने की जांच के रूप में पेश किया और दावा किया कि भाजपा विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी के बहुमत हासिल करने के बाद से कांग्रेस सरकार के खिलाफ बदनामी का अभियान चला रही है।
सीआईडी डायरेक्टर ने भी दी सफाई
सीआईडी महानिदेशक रंजन ओझा ने शुक्रवार को शिमला में कहा कि यह एक आंतरिक मामला है। उन्होंने दोहराया कि मुख्यमंत्री साइबर अपराध शाखा के लिए एक डेटा सेंटर के शुभारंभ पर मुख्य अतिथि थे। कार्यक्रम के बाद अधिकारी कार्यालय में चाय पी रहे थे। जब किसी ने पूछा कि समारोह के लिए खाने-पीने की चीजें कहां से लाई गई हैं और हमने कहा- ‘पता करो क्या हुआ’।
इस बाबत न तो हमने कोई नोटिस जारी किया है और न ही कोई स्पष्टीकरण मांगा है। मामले का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। हमने केवल स्पष्टीकरण मांगा है कि क्या हुआ और एक लिखित रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है। हमारा किसी के खिलाफ कार्रवाई करने का कोई इरादा नहीं है।

