हिमाचल में शिक्षा का हाल: पांच बच्चों के लिए एक अध्यापक, सुबह कमरों में खुद लगाते हैं झाड़ू, पानी भी ढो रहे

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हिमखबर – डेस्क

स्थान- राजकीय प्राथमिक पाठशाला कैंट। समय – सुबह 09:30 बजे। स्कूल में प्रतिनियुक्ति पर तैनात अध्यापक संदीप कुमार पीने के पानी का मटका कंधे पर उठाकर स्कूल की ओर आ रहे हैं।

पानी से भरा मटका उन्होंने 500 मीटर दूर से भरकर लाया ताकि दिन में बच्चे प्यासे न रहें। मटका भरने के बाद उन्होंने खुद ही कक्षा के कमरे में झाड़ू लगाया और बच्चों के बैठने के लिए टाट बिछाए।

इसके बाद बच्चों को गायत्री मंत्र का उच्चारण करवाया और कक्षा की शुरुआत हुई। आंगनबाड़ी केंद्र में चल रहे कैंट प्राथमिक स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या केवल पांच हैं और मौसम खराब होने के कारण केवल दो ही स्कूल पहुंचे।

समय- सुबह 10:00 बजे। स्कूल के परिसर की हालत भी छोटे बच्चों के अनुकूल नहीं दिख रही। शौचालय की सुविधा नहीं है। बरामदे के दाई ओर लगभग 10 मीटर गहरी खाई है। वहां छोटे बच्चों के गिरने का खतरा रहता है।

स्कूल परिसर जंगल से घिरा है और आबादी 300 मीटर दूर जाकर शुरू होती है। स्कूल जाने वाली सड़क से करीब एक घंटे तक कोई व्यक्ति नहीं गुजरा।

अध्यापक संदीप कुमार ने बताया कि उन्हें 19 तारीख से 23 जनवरी तक प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया। कहा कि हमारे ही स्कूल का एक अध्यापक ट्रेनिंग पर गया है इसलिए पांच दिन के लिए उनकी ड्यूटी लगी। नहीं तो प्रतिदिन अध्यापक बदलता है।

इस भवन में चल रहा स्कूल।
इस भवन में चल रहा स्कूल। 
स्कूल में मिड डे मील, चतुर्थ श्रेणी कर्मी नहीं है। बच्चों और अध्यापकों की हाजिरी के अलग-अलग रजिस्टर, टाट, दो कुर्सियां और एक छोटा टेबल भी धमांदरी स्कूल से आया। समय- सुबह 11:00 बजे। स्कूल परिसर में घूमते समय अचानक मोबाइल पर नजर पड़ी तो सिग्नल नहीं दिखा।
आपातकाल में स्कूल से किसी को फोन करना किसी चुनौती से कम नहीं। 300 मीटर दूर जाकर गांव के तीन-चार घरों में आवाज में लगाई, परंतु कोई भी बाहर नहीं आया। कैंट गांव ग्राम पंचायत चौकी मन्यार के तहत पड़ता है।
पंचायत प्रधान संजय कुमार ने बताया कि स्कूल की इमारत जल्द बनेगी। शौचालय और पानी की सुविधा भी होगी। अप्रैल 2023 से बच्चों की संख्या भी स्कूल में 20 से 25 तक होने की संभावना है।
यदि सुविधाएं मिले और बच्चों की संख्या बढ़े तभी ऐसे क्षेत्र में स्कूल चलाने का फायदा है। नियमित अध्यापक की नियुक्ति होने पर ही अभिभावकों का रुझान स्कूल में बच्चों को भेजने की ओर बढ़ेगा। तब तक कोई आगे नहीं आएगा।
देवेंद्र चंदेल, उपनिदेशक, जिला प्रारंभिक शिक्षा विभाग के बोल 
कैंट स्कूल में शीघ्र ही एक नियमित अध्यापक की नियुक्ति की जाएगी। इसके साथ ही स्कूल के अपने भवन को लेकर भी जल्द प्रक्रिया शुरू होगी। उम्मीद है कि नई सुविधाओं के शुरू होने से कैंट स्कूल में बच्चों की संख्या बढ़ेगी।
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