शिमला – नितिश पठानियां
हिमाचल प्रदेश में शाम 6 से 9 बजे का वक्त बेहद संवेदनशील बन गया है, क्योंकि सबसे ज्यादा मौतें इसी वक्त में हो रही हैं। पुलिस की जांच में भी यही बात सामने आई है।
जानकारी के अुनसार प्रदेश भर में पुलिस ने शराब के नशे में वाहन चलाने वाले चालकों पर शिकंजा कस दिया है। हिमाचल प्रदेश पुलिस द्वारा राज्य में सडक़ सुरक्षा को लेकर विश्लेषण किया गया, जिसमें यह पाया गया कि शराब सेवन सडक़ दुर्घटनाओं का एक महत्वपूर्ण कारण है।
सितंबर, 2024 से फरवरी 2025 के बीच दर्ज सडक़ दुर्घटनाओं में जांच हेतु भेजे गए रक्त नमूनों में से लगभग 23 प्रतिशत मामलों में शराब की पुष्टि हुई। इस प्रवृत्ति को देखते हुए वर्ष 2024 में शराब पीकर वाहन चलाने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की गई।
पूरे राज्य में 13,000 से अधिक चालान, 1300 से अधिक गिरफ्तारियां और 3400 से अधिक ड्राइविंग लाइसेंस निलंबन हेतु भेजे गए। प्रदेश में शिमला, सोलन और मंडी ऐसे मामलों में शीर्ष पर रहे। पुलिस द्वारा जनजागरुकता बढ़ाने हेतु 12 डिजिटल डिसप्ले बोर्ड प्रमुख स्थलों पर लगाए गए हैं, जो नशे में ड्राइविंग के विरुद्ध सार्वजनिक डेटा प्रदर्शित करते हैं।
इसके अतिरिक्त पैदल यात्रियों की सडक़ दुर्घटनाओं में वृद्धि भी सामने आई है, जिनमें उल्लेखनीय संख्या में मौतें व चोटें हुई। इनमें अधिकतर घटनाएं राष्ट्रीय राजमार्गों और व्यस्त समय शाम 6 से 9 बजे के दौरान हुईं। प्रदेश में सडक़ सुरक्षा बढ़ाने के सक्रिय प्रयास में हिमाचल प्रदेश पुलिस यातायात, पर्यटक और रेलवे (टीटीआर) मुख्यालय सडक़ यातायात दुर्घटनाओं, उल्लंघनों, मौतों की निगरानी और प्रबंधन के लिए वास्तविक समय डेटा विश्लेषण का उपयोग कर रहा है।
टीटीआर मुख्यालय में एक समर्पित टीम चौबीसों घंटे काम करती है, सडक़ दुर्घटनाओं के पैटर्न और कारणों की पहचान करने के लिए 24 घंटे सात दिन ट्रैफिक डेटा का विश्लेषण करती है। ट्रैफिक टूरिस्ट एवं रेलवे पुलिस के विश्लेषणों में खुलासा हुआ है कि लापरवाही से गाड़ी चलाने, तेज गति से गाड़ी चलाने और नशे में गाड़ी चलाने के कारण काफी संख्या में दुर्घटनाएं हुई हैं।
ट्रैफिक टूरिस्ट पुलिस मुख्यालय की ओर से हिमाचल प्रदेश के सभी जिला पुलिस अधीक्षकों के साथ-साथ टीटीआर यूनिट की कड़ी निगरानी में नशे में गाड़ी चलाने के खिलाफ प्रवर्तन तेज करने का निर्देश दिए गए हैं।
एआईजी टीटीआर विनोद कुमार के बोल
एआईजी टीटीआर विनोद कुमार ने बताया कि प्रदेश में साल 2024 और 2025 में अब तक विभिन्न निरीक्षणों के दौरान नशे में गाड़ी चलाने के 13165 मामले पकड़े गए, जिसके कारण चालान जारी किए गए। इसके अलावा 3400 से अधिक ड्राइविंग लाइसेंसों को निलंबित या रद्द करने की सिफारिशें क्षेत्रीय लाइसेंसिंग प्राधिकरण को भेजी हैं।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश पुलिस सडक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है और सभी सडक़ उपयोगकर्ताओं से अपनी और दूसरों की सुरक्षा के लिए यातायात कानूनों का पालन करने का आग्रह करती है।