शिमला – नितिश पठानियां
राजस्व बढ़ाने के चक्कर में शराब के ठेकों की महंगी नीलामी के चलते 240 ठेके नीलाम नहीं हो पाए हैं। जिसको देखते हुए हिमाचल में सरकार ने सरकारी कॉर्पोरेशन के माध्यम से शराब बेचने का मन बनाया है। प्रदेश सरकार ने लगातार अपने तीसरे कार्यकाल में शराब के ठेकों की नीलामी का निर्णय लिया था।
इस बार शराब से 2850 करोड़ का राजस्व प्राप्त करने का टारगेट रखा गया है, लेकिन दो बार नीलामी प्रक्रिया पूरी करने के बावजूद भी प्रदेश में करीब 240 शराब के ठेकों की नीलामी नहीं हो पाई है। अब सरकारी एजेंसियां हिमफैड, एचपीएमसी, वन निगम, सिविल सप्लाई कारपोरेशन व नगर निगम शराब के बचे हुए ठेकों को चलाएंगे।
ये जानकारी उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने शिमला में मीडिया से रूबरू होते दी। उन्होंने कहा कि नीलामी के बाद जो ठेके रह गए उनको अब एग्रो इंडस्ट्री कॉरपोरेशन, हिमफेड और एसआईडीसी के माध्यम से चलाया जाएगा। इसके लिए बाकायदा बैठक में फैसला ले लिया है और एक दो दिन में इन ठेकों में शराब बिकनी शुरू हो जाएगी।
प्रदेश सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए शराब के ठेकों की नीलामी से 2,850 करोड़ राजस्व जुटाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। हिमाचल में शराब के ठेकों की संख्या 2100 है। जिनकी नीलामी की प्रक्रिया 18 मार्च से शुरू की गई थी, लेकिन इस दौरान प्रदेश भर में 1700 के करीब शराब के ठेके ही नीलाम हो पाए। जबकि पांच जिलों में 400 के करीब ठेकों की बिक्री नहीं हो सकी थी।
जिसको देखते हुए सरकार ने फिर से शराब के ठेकों की नीलामी का निर्णय लिया था। इसके लिए सरकार ने पूरे यूनिट के लिए नहीं बल्कि सिंगल ठेके की बिक्री के लिए टेंडर लगाए थे, जिसके लिए आवेदन के साथ 50 हजार की अर्नेस्ट मनी जमा करने का निर्णय लिया गया था।
इनकी नीलामी के लिए सरकार ने 9 और 10 अप्रैल को टेंडर आमंत्रित किए थे, लेकिन इसके बावजूद भी करीब 240 शराब के ठेके नीलाम होने से रह गए थे, परिणामस्वरूप सरकार ने अब निगम और कार्पोरेशन के माध्यम से शराब की बिक्री का निर्णय लिया है।