शिमला – नितिश पठानियां
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य वन विकास निगम को ठेकेदारों को काम पर रखने की प्रथा को समाप्त कर पेड़ों के ठूंठ (साइडर वुड स्टंप) को निकालने का कार्य स्वयं करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने लगभग 10,000 ठूंठ निकालने के लिए रोडमैप तैयार करने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री सुक्खू शनिवार को शिमला में वन विकास निगम की मूल्य निर्धारण समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में गैर लकड़ी वन उपज की नई दरों और रायल्टी को भी मंजूरी प्रदान की गई। इस समिति की पिछली बैठक वर्ष 2022 में हुई थी।
इस मौके पर निगम ने खैर और साल के पेड़ों की कटाई से राजस्व के रूप में प्राप्त रायल्टी का 41.30 करोड़ रुपये का चेक मुख्यमंत्री को भेंट किया। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा, सर्वोच्च न्यायालय की अनुमति से पारिस्थितिकी तंत्र को ध्यान में रखकर की गई कटाई न केवल लाभकारी रही है, बल्कि राज्य के राजस्व में भी योगदान दे रही है। मुख्यमंत्री ने वन विभाग की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा कर क्षतिग्रस्त पेड़ों का समय पर निपटान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
आग की घटनाएं रोकने के लिए बनाएं प्रभावी व्यवस्था
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वन विभाग को गर्मी के मौसम को ध्यान में रखते हुए जंगलों में आग की घटनाओं को रोकने के लिए त्वरित और प्रभावी व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वन अग्निशमन सेवाओं को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए और स्थानीय लोगों की भागीदारी बढ़ाकर आग की घटनाओं को नियंत्रित करना चाहिए। उन्होंने पौधों की जीवित रहने की दर में सुधार पर भी बल दिया।
ये रहे उपस्थित
बैठक में राज्य वन विकास निगम के उपाध्यक्ष केहर सिंह खाची, अतिरिक्त मुख्य सचिव वन केके पंत, प्रधान मुख्य अरण्यपाल समीर रस्तोगी, राज्य वन विकास निगम के प्रबंध निदेशक संजय सूद और वन विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।