शिमला – नितिश पठानियां
हिमाचल प्रदेश पंचायती राज संस्थाओं के चुनावों की ओर बढ़ रहा है. प्रदेश में साल के अंत में कभी भी पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव का ऐलान हो सकता है. मगर इससे पहले प्रदेश में नई पंचायतों का भी गठन होना है. जिसके लिए सभी जिलों से लगातार प्रस्ताव प्राप्त हो रहे हैं.
पंचायती राज विभाग को अब तक 700 के करीब आवेदन मिल चुके हैं. वहीं, प्रदेश सरकार को नई पंचायतों के गठन की प्रक्रिया 30 जून तक पूरी करनी होगी. जिसके लिए सरकार ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं.
नई पंचायत गठन के मापदंड
प्रदेश सरकार ने स्पष्ट किया है कि नई पंचायतों के गठन को लेकर पिक एंड चूज नहीं होगा. प्रदेश में एक हजार से अधिक की जनसंख्या होने और पंचायत मुख्यालय से गांव की 5 किलोमीटर या उससे अधिक की दूरी होने पर नई पंचायत का गठन किया जाएगा.
वहीं, जनजातीय क्षेत्रों में 750 या इससे अधिक की आबादी पर नई पंचायत बनाई जा सकती है. ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह पहले ही कह चुके हैं कि मापदंड पूरा करने पर ही नई पंचायत का गठन किया जाएगा. जिसकी सख्ती से पालना की जाएगी.
3572 रह गई पंचायतों की संख्या
हिमाचल में साल के अंत में यानि दिसंबर महीने के आखिरी में पंचायती राज संस्थाओं के लिए चुनाव का ऐलान हो सकता है. ऐसे में राज्य चुनाव आयोग ने 30 जून 2025 तक जिला परिषद वार्ड, पंचायत समिति सहित पंचायतों की डिलिमिटेशन की प्रक्रिया पूरी करने निर्देश दिए हैं, ताकि पंचायती राज संस्थाओं के लिए वोटर लिस्ट के कार्य समय पर पूरा किया जा सके.
प्रदेश में 43 पंचायतों को शहरी निकायों में शामिल किया गया है. इसके बाद प्रदेश में अब पंचायतों की संख्या 3572 रह गई है. जो पहले 3615 थी. ऐसे में आने वाले समय में कितनी पंचायतों में चुनाव होंगे, इसका सही आंकड़ा 30 जून तक नई पंचायतों के गठन के बाद ही सामने आएगा.
5 महीने में करना होगा गठन
हिमाचल में पंचायती राज संस्थाओं के लिए दिसंबर महीने के दूसरे पखवाड़े में कभी भी चुनाव का ऐलान हो सकता है. पिछली बार भी पंचायती राज संस्थाओं के लिए 21 दिसंबर 2020 को चुनाव की घोषणा की हुई थी. जिसके बाद पंचायतों, पंचायत समितियों और जिला परिषद के लिए 17, 19 और 21 जनवरी 2021 को तीन चरणों में मतदान हुआ था.
वहीं, हिमाचल प्रदेश राज्य चुनाव आयोग के आयुक्त अनिल कुमार खाची ने सरकार को 30 जून तक नई पंचायतों के गठन की प्रक्रिया पूरी करने का आग्रह किया गया है, ताकि साल के अंत तक प्रस्तावित पंचायत चुनावों की तैयारियां समय पर पूरी की जा सके. ऐसे में सरकार को अब पांच महीने में नई पंचायतों के गठन की प्रक्रिया को पूरा करना होगा.