पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह की ओर से सभी मांगें मानने के आश्वासन के बाद जिला परिषद कैडर कर्मियों ने हड़ताल वापस ले ली है। यह कर्मचारी 30 सितंबर से हड़ताल पर चल रहे थे।
शिमला – नितिश पठानियां
जिला परिषद कैडर कर्मियों ने शनिवार को पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह की ओर से सभी मांगें मानने के आश्वासन के बाद हड़ताल वापस ले ली है। यह कर्मचारी 30 सितंबर से हड़ताल पर चल रहे थे।
जिला परिषद कैडर कर्मचारी महासंघ के वरिष्ठ उपप्रधान नागेंद्र चंदेल ने बताया कि सोमवार से सभी कर्मी काम पर वापस लौट जाएंगे।
पंचायती राज मंत्री ने 30 अक्तूबर को दोबारा बैठक के लिए सचिवालय में आमंत्रित किया है, जहां मांगों पर विस्तार से चर्चा होगी।
जिला परिषद कैडर कर्मचारियों की हड़ताल के कारण पंचायत स्तर पर विकास कार्य प्रभावित हो रहे थे। कर्मियों को सरकार की ओर से दो बार नोटिस भी जारी किए गए बावजूद इसके वे कम पर नहीं लौटे।
इसके बाद कड़ी कार्रवाई करते हुए सरकार ने 167 कनिष्ठ अभियंताओं को बर्खास्त कर दिया था। शुक्रवार को पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा था कि जो कर्मी काम पर वापस लौटना चाहते हैं, उनका स्वागत है और सरकार मांगों को पूरा करने के लिए गंभीर है।
शनिवार को जिला परिषद कर्मचारी संघ के प्रतिनिधि पंचायती राज मंत्री से मिले और बैठक के बाद हड़ताल वापस लेने की घोषणा कर दी।
पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह का कहना है कि कर्मचारियों की मांगें हल करने के लिए सरकार गंभीर है, मांगों पर चर्चा की गई है। 30 अक्तूबर को होने वाली बैठक में सकारात्मक फैसला लिए जाएंगे।
प्रदेश में करीब 4700 जिला परिषद कैडर कर्मचारी कई वर्षों से अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। कर्मचारी लगभग 20 से 25 वर्षों से जिला परिषद कार्यालयों में सारा सरकारी कामकाज देख रहे हैं।
लेकिन अभी तक कर्मचारियों को विभाग में मर्ज नहीं किया गया है। इससे वित्तीय नुकसान के साथ भविष्य भी अधर में है।
कर्मचारियों को न तो किसी तय तारीख पर तनख्वाह मिल रही है और न ही पदोन्नति का लाभ मिल पा रहा है। साथ ही छठे वेतन आयोग के लाभ से भी कर्मचारी वंचित ही हैं।