मंडी – अजय सूर्या
हिमाचल प्रदेश के एक और बेटे ने देश और राज्य का नाम रोशन किया है। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला के सरकाघाट के रहने वाले रजत कुमार ने छठी एशियाई सवाते चैंपियनशिप-2025 का कांस्य पदक जीतकर इतिहास रचा है।यह खेल दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में 9 से 12 फ़रवरी को हुआl इस खेल में 17 देशों ने भाग लिया।
सवाते एक फ्रेंच मार्शल आर्ट है और इस खेल में कांस्य पदक जीतने वाला रजत कुमार पहला हिमाचली एथलीट बन गया हैं। रजत कुमार ने अपनी ताकत और तकनीक का प्रदर्शन करते हुए शानदार जीत हासिल की। रजत कुमार का सफर आसान नहीं था। ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाले रजत कुमार ने बचपन से ही खेलों में गहरी रुचि दिखाई। उनके माता-पिता ने हमेशा उनका साथ दिया और उन्हें प्रोत्साहित किया।
सवाते जैसे कम प्रचलित खेल में अपनी पहचान बनाने के लिए रजत कुमार ने कड़ी मेहनत की और लगातार अभ्यास किया। उनके कोच और खेल स्टाफ ने भी उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। रजत कुमार की इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर उनके गांव, पंचायत और पूरे हिमाचल प्रदेश में खुशी की लहर दौड़ गई है।
रजत कुमार के माता- पिता ने भी अपने बेटे की सफलता पर गर्व व्यक्त किया और कहा कि उन्हें हमेशा से रजत कुमार पर विश्वास था। सभी ग्राम वासियों ने रजत कुमार को बधाई दी और कहा कि उनकी उपलब्धि ने पूरे गांव का नाम रोशन किया है।
रजत कुमार ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, कोच संतोषी शर्मा और स्पोर्ट्स स्टाफ को दिया है। उन्होंने कहा कि वह भविष्य में वर्ल्ड चैंपियन शिप में भारत का प्रतिनिधित्व करना चाहता हैं। उन्होंने युवाओं को संदेश दिया कि मेहनत और लगन से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
सवाते एक फ्रांसीसी मार्शल आर्ट और कॉम्बैट स्पोर्ट्स है, जिसे “फ्रेंच किकबॉक्सिंग” भी कहा जाता है। इसमें मुक्केबाज़ी और किकिंग दोनों का मिश्रण होता है। यह यूरोप में काफी लोकप्रिय है और इसे पारंपरिक रूप से जूते पहनकर खेला जाता है, जो इसे अन्य किकबॉक्सिंग स्टाइल्स से अलग बनाता है।