शिक्षा व्यवस्था पर संकट, कुलपति विहीन विश्वविद्यालयों को मिले स्थायी नेतृत्व।
शिमला – नितिश पठानियां
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश की प्रदेश मंत्री नैंसी अटल ने बयान जारी करते हुए कहां कि अभाविप हिमाचल प्रदेश ओर से प्रदेश सरकार को यह चेतावनी दी जाती है कि राज्य की विभिन्न विश्वविद्यालयों में स्थायी कुलपतियों की नियुक्ति में की जा रही अनदेखी और लापरवाही को अब और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
वर्तमान में हिमाचल प्रदेश की कई प्रमुख विश्वविद्यालयों — जिनमें हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर, कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर, और बागवानी विश्वविद्यालय नौणी शामिल हैं — में कुलपति के पद पर स्थायी नियुक्ति नहीं की गई है, जिससे अकादमिक प्रशासन और निर्णय प्रक्रिया बुरी तरह प्रभावित हो रही है।
अभाविप का मानना है कि किसी भी विश्वविद्यालय की प्रगति और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए वहाँ एक सक्षम, योग्य और स्थायी कुलपति का होना अत्यंत आवश्यक है।
कार्यवाहक या अस्थायी कुलपतियों के नेतृत्व में न तो दीर्घकालीन योजनाएं बनाई जा सकती हैं और न ही विश्वविद्यालयों में ठोस शैक्षणिक सुधार लाए जा सकते हैं। इससे न केवल छात्रों का भविष्य प्रभावित हो रहा है, बल्कि शिक्षण और शोध की गुणवत्ता पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।
प्रदेश मंत्री नैंसी अटल ने कहां की प्रदेश सरकार द्वारा इस विषय पर लापरवाही दिखाना दुर्भाग्यपूर्ण है। विद्यार्थी परिषद मांग करती है कि शीघ्रता से सभी विश्वविद्यालयों में पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से स्थायी कुलपतियों की नियुक्ति की जाए।
यदि सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लेती है, तो विद्यार्थी परिषद राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करेगी और छात्र सड़कों पर उतरकर लोकतांत्रिक तरीके से अपना विरोध दर्ज करवाएंगे।
हमारा स्पष्ट संदेश है — विश्वविद्यालयों में स्थायित्व और गुणवत्तापूर्ण नेतृत्व सुनिश्चित करो, विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ बंद करो।