हिमखबर डेस्क
क्या आपने कभी सुना है कि किसी पर राख फेंककर कोई पर्व मनाया जाता है, जहां किसी पर अश्लील जुमले कसकर बुरी आत्माओं को दूर भगाया जाता हो, नहीं सुना तो आज हम आपको एक ऐसे ही पर्व के बारे में बताने जा रहे हैं, जो अपने आप में अनोखा है, जो आपको हैरान कर सकता है। देवभूमि हिमाचल के अनोखे रीति रिवाज इसे बाकी राज्यों से अलग बना देतें हैं।
हिमाचल की देवघाटी कुल्लू में मनाया जाने वाला सदियाला पर्व भी ऐसी ही अनोखी परंपराओं की गवाही देता है, जहां मशालें जलाकर राख फेंककर और यहां तक कि अश्लील जुमले गाकर बुरी शक्तियों को भगाया जाता है। इन दिनों कुल्लू में सदियाला पर्व की धूम है।
यहां बुरी शक्तियों के चंगुल से आजाद करने के लिए देवताओं संग हारियानों द्वारा चलाया गया सात दिवसीय मिशन अंतिम चरण में पहुंच गया है। जिला की रूपी घाटी में पारंपरिक सदियाला कार्यक्रम का आयोजन सोमवार को किया गया।
जिला के दियार, हवाई, पीज, चौंग, धारा व अन्य स्थानों पर हारियानों ने मशालें जलाकर इन शक्तिओं को भगाया तो न्यूल, खोखण व कुछ अन्य स्थानों के देवालयों में यह प्रक्रिया मंगलवार को पूरी की गई। लोगों ने हाथों में मशालें लेकर अश्लील जुमलों के साथ गांव की परिक्रमा की।
क्या है मान्यता
मान्यता है कि इस तरह के जुमलों से आसुरी शक्तियां का वास नहीं रहता है। एक-दूसरे पर राख फेंककर अश्लील जुमले कसते हुए क्षेत्र से बुरी शक्तियों को खदेड़ा जाता है, कहीं-कहीं तो तीन-चार फुट की मशालें निकालकर सदियाला पर्व मनाया गया। इससे क्षेत्र में खुशहाली बनी रहती है। आज के समय में किसी भी समाज में अश्लील शब्दों का प्रचलन बंद है, लेकिन देव कारज में इन परंपराओं का निर्वहन किया जाता है। इसमें किसी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं रहता है।
बुरा माना, देवता हो जाते हैं नाराज
दियार में देवता त्रियुगी नारायण के दरबार में हारियानों ने मशालें बनाकर इस विधि को पूरा किया, जिसमें सैकड़ों हारियानों ने भाग लिया। बुरी शक्तियों को खदेडऩे के बाद देवालयों में देवनृत्य भी किया गया। कार्यक्रम के सफल आयोजन के बाद देव दरबार में जाकर इस मिशन में शामिल होने वाले हारियानों ने अपने-अपने अराध्य देवता को बांटी और आशिर्वाद लिया।
आपको बता दें कि कुल्लू में मकर संक्रांति से सात दिन तक दियाली पर्व पारंपरिक रीति-रिवाजों अनुसार मनाया जाता है। मान्यता यह भी है कि अगर किसी ने पर्व के दौरान दी गालियों का बुरा माना तो उसे देवता के कोप भाजन का शिकार होना पड़ता है।