भगवा वस्त्र पहनकर जादू-टोने के नाम पर जनता को डरा रहे समुदाय विशेष के लोग, गिरफ्तार कर पूछताछ में जुटी पुलिस
सोलन,जीवन वर्मा
उत्तर प्रदेश में हाल ही में बहुचर्चित धर्मांतरण कांड के बाद सोमवार को हिमाचल में फर्जी साधू प्रकरण उजागर होने के बाद पुलिस प्रशासन व गुप्तचर विभाग सकते में आ गया है।
सोलन जिला के बड़ोग में सोमवार को एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश हुआ है, जो कि मुस्लिम समुदाय से संबंधित होकर भी साधु का भेष बनाकर जनता को जादू-टोने के चक्कर में डालकर उन्हें डरा रहे थे।
पुलिस ने पांच ऐसे नकली साधु पकड़े हैं, जिन्होंने वेशभूषा हिंदू तो संत्तों की पहनी थी, लेकिन आधार कार्ड में उनके नाम एक विशेष समुदाय के पाए गए। प्रमुख पहलू यह है कि कुल पांच फर्जी साधुओं में से आधार कार्ड भी सिर्फ तीन ही व्यक्तियों के पास पाए गए हैं।
पूछताछ में ये सभी पल-पल अपना बयान बदल रहे हैं तथा पुलिस की नजरों में धूल झोंकने का प्रयास कर रहे हैं। स्थानीय लोगों व पुलिस प्रशासन को आशंका है कि इन फर्जी साधुओं से पूछताछ में कई बड़े खुलासे हो सकते हैं।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व हिंदू संगठन भी इससे बिफर गए हैं तथा पुलिस प्रशासन से इस मामले की तह तक जाने का संघ ने आग्रह किया है। आरएसएस के सोलन सहकार्यवाह कश्मीर सिंह कपिल ने कहा कि यह हिंदू व संत समाज को बदनाम करने की साजिश है।
एक विशेष समुदाय के लोग भगवा वस्त्र पहनकर यदि किसी भी वारदात को अंजाम देते हैं, तो बदनामी तो संत समाज की ही होगी। बड़ोग के प्रधान सुनील कश्यप ने बताया कि स्थानीय लोगों द्वारा उन्हें सूचना दी गई कि यहां पर कुछ युवक साधु की वेशभूषा में घूम रहे हैं।
दसके बाद पुलिस द्वारा मौके पर पहुंच कर इनके आधार कार्ड चैक किए गए, जिनमें इनके नाम व पता अलग पाए गए। इन पांच फर्जी साधुओं में से तीन के ही आधार कार्ड पुलिस को अभी मिले हैं तथा कथित गोरखधंधे में संलिप्त इनमें दो युवक नाबालिग हैं।
मौके पर उपस्थित कुछ लोगों का यह भी कहना है कि इन युवकों के पास नशीले पदार्थ भी थे, लेकिन पुलिस को आता हुआ देखकर इन्होंने एक पैकेट कहीं फेंक दिया है।
एएसपी अशोक वर्मा ने कहा कि पांच युवकों को फर्जी संत्तों के वेष में हिरासत में लिया गया है तथा उनका पूरा ब्यौरा एकत्रित किया जा रहा है। फर्जी संत चोले पहनकर भिक्षा मांगने का ढिंढोरा पीटने वाले इन पांच युवकों में से दो के पास ऐसे मोबाइल फोन हैं, जिनकी कीमत दस से 15 हजार के बीच बताई जा रही है। पुलिस अब इन मोबाइल कॉल डाटा के आधार पर भी कुछ तथ्य एकत्रित करने में जुट गई है।