ज्वाली – अनिल छांगू
हिमाचल प्रदेश को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीब लोगों के लिए मकान स्वीकृत हुए हैं लेकिन पंचायत स्तर पर इसका लाभ अपात्र लोगों यानी साधन संपन्न लोगों को ही मिल रहा है। उपमंडल ज्वाली के अधीन आने वाली अधिकतर पंचायतों का ऐसा ही हाल है, जिनमें अपात्र लोग योजना का लाभ लेंगे।
पंचायत स्तर पर उन लोगों के ही मकान स्वीकृत हुए हैं जिनके पास आलीशान पक्के मकान हैं, दोपहिया व चौपहिया वाहन हैं, कुछ तो सरकारी नॉकरी भी करते हैं, पहले भी सरकार की योजना के तहत ही पक्के मकान बना लिए हैं, उनके भी प्रधानमंत्री आवास योजना की सूची में नाम सम्मिलित हो गया है।
गरीबों के लिए चलाई जा रही योजनाओं का लाभ अमीरों को मिल रहा है जबकि पात्र लोग योजना से बाहर हैं। गरीब व्यक्ति सरकार की योजनाओं का लाभ लेने के लिए मुंह ताक रहा है। पंचायत प्रधानों का कहना है कि यह सर्वे के आधार पर हुआ है लेकिन सर्वे किसने किया और अगर उस समय मकान नहीं था तो अब उनके पास आलीशान पक्का मकान है।
ऐसे में पक्के मकान वालों के नाम काट देने चाहिए। सरकार व प्रशासन को इस तरफ़ भी ध्यान देना चाहिए और पात्र लोगों को इसका लाभ मिलना चाहिए। बुद्धिजीवियों ने कहा कि पंचायत प्रधान तो अपने चहेते लोगों को ही लाभ देने में लगे हुए हैं।
बुद्धिजीवियों ने कहा कि इसमें पंचायत प्रधानों व पंचायत सचिवों की जिम्मेवारी सुनिश्चित होनी चाहिए कि अगर किसी अपात्र को इस योजना का लाभ मिला तो उसकी रिकवरी संबंधित प्रधान व सचिव से होनी चाहिए। लोगों ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध ठाकुर, जिलाधीश कांगड़ा, एसडीएम जवाली से मांग की है कि सभी स्वीकृत मकानों की जांच करवाई जाए।
बीडीओ शाम सिंह के बोल
इस बारे में बीडीओ नगरोटा सूरियां शाम सिंह ने कहा कि यह जो मकान स्वीकृत हुए हैं, इनका सर्वे वर्ष 2018 में हुआ था। उन्होंने कहा कि अभी वेरिफिकेशन की जा रही है तथा अगर किसी का पक्का मकान बना हुआ है, किसी ने सरकारी अन्य योजना से मकान बनाया है, जिसके पास अपना वाहन है या फिर टेक्स अदा करता है, उसको इस योजना से बाहर किया जाएगा। इसके आदेश समस्त पंचायत प्रधानों व सचिवों को दिए गए हैं। अगर फिर भी किसी अपात्र को योजना का लाभ मिल रहा है तो उसकी शिकायत कार्यालय में की जा सकती है।