शिमला-जसपाल ठाकुर
भाजपा सांसद रामस्वरूप शर्मा की संदिग्ध मौत को लेकर कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान खूब हंगामा किया। कांग्रेस चाहती थी कि सत्ता पक्ष प्रश्नकाल के बजाय इस मुद्दे पर विचार करे। इस गहमागहमी के बाद कांग्रेस ने वाकआउट कर दिया।
कांग्रेस विधायकों की ओर से किए जा रहे विरोध को देखते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि यह घटना दिल्ली में घटित हुई थी। रामस्वरूप शर्मा और मैंने संगठन में बहुत लंबे समय तक काम किया है। मैं स्वयं उनकी मौत से स्तब्ध रह गया था। इस घटना के बाद मैंने रामस्वरूप शर्मा के परिवार से मुलाकात की थी और मैंने पूछा था कि वह इस मामले में क्या चाहते हैं, क्या वह जांच करवाना चाहते हैं, लेकिन उनके परिवार ने किसी भी प्रकार की जांच से इनकार किया था।
उनके परिवार ने कुछ भी करवाने से इनकार किया था। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का कहना है कि यह मामला दिल्ली में घटित हुआ था और यह प्रदेश सरकार के विशेषाधिकार का नहीं है। रामस्वरूप शर्मा के पुत्र ने हाल ही में जांच का मामला उठाया है, जो हमारे भी संज्ञान में है, उनके बेटे ने कहा है कि मेरे पिता आत्महत्या नहीं कर सकते।
इस विषय को लेकर के हमने पार्टी नेतृत्व को अवगत करवाया है कि उनके परिवार की ओर से इस तरह के बयान दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा दिल्ली की क्राइम ब्रांच इस मामले की जांच कर रही है और हमें किसी प्रकार से जांच को प्रभावित नहीं करना चाहिए। कांग्रेस में प्वाइंट आफ ऑर्डर के तहत विषय उठाया।
विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन प्रश्नकाल शुरू होने से पहले कांग्रेस विधायक जगत सिंह नेगी ने प्वाइंट आफ ऑर्डर मांगा। इसके बाद कुल्लू से कांग्रेस विधायक सुंदर सिंह ठाकुर कागजात लहराते हुए नजर आए। विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने व्यवस्था दी कि इस तरह से मामला नहीं उठाया जा सकता, उनकी बात को सुना जा सकता है।
लेकिन कांग्रेसी विधायकों को पहले मेरे चेंबर में आकर के चर्चा करनी चाहिए थी। लेकिन कांग्रेस विधायक इस बात से संतुष्ट नहीं हुए। सदन में शोर-शराबा शुरू हो गया नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री सीट से खड़े हो गए। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि इस तरह से सदन में कागज नहीं लहराए जा सकते।