सहायक प्रोफेसर पंकज बग्गा को ‘स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी एक्टिविटी मॉनिटरिंग डिवाइस’ पर भारत सरकार से मिला पेटेंट।
ज्वाली – अनिल छांगू
जिला कांगड़ा के तहत जवाली निवासी पंकज बग्गा को उनके शोध ‘स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (SMA) एक्टिविटी मॉनिटरिंग डिवाइस’ के लिए भारत सरकार द्वारा पेटेंट प्रदान किया गया है।
यह डिवाइस दुर्लभ आनुवांशिक बीमारी ‘स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी’ से प्रभावित मरीजों की शारीरिक गतिविधियों की सटीक और वास्तविक समय में निगरानी करने में सक्षम है।
यह तकनीक डॉक्टरों और देखभालकर्ताओं को मरीजों के लिए व्यक्तिगत उपचार योजना तैयार करने में मदद करती है, जिससे उनकी जीवन की गुणवत्ता में सुधार होता है। पंकज बग्गा डीएवी कॉलेज जालंधर में सहायक प्रोफेसर हैं।
प्रोफेसर पंकज बग्गा के इस उल्लेखनीय योगदान ने उनके परिजनों व जवालीवासियों और डीएवी कॉलेज दोनों को गर्वित किया है। उनके पिता जोगिंदर सिंह बग्गा बतौर प्रधानाचार्य सेवानिवृत्त हुए हैं।
प्रोफेसर पंकज बग्गा ने इस उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता, परिवार और डीएवी कॉलेज के सहायक वातावरण को दिया है। यह उपलब्धि भारत के स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी और नवाचार क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है। हिमाचल प्रदेश और पंजाब से उभर रही प्रतिभाएं इस दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।
वहीं डीएवी कॉलेज जालंधर के प्रधानाचार्य ने प्रोफेसर पंकज बग्गा को बधाई देते हुए कहा कि यह पेटेंट हमारे संस्थान के अनुसंधान और नवाचार में उच्च मानकों को दर्शाता है। प्रोफेसर बग्गा की यह सफलता युवा शोधकर्ताओं को प्रेरित करेगी।