शिमला – नितिश पठानियां
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को शिक्षा विभाग की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि विद्यालयों के विलय के दृष्टिगत सरप्लस मिड-डे मील कार्यकर्त्ताओं को समीपवर्ती स्कूलों में समायोजित किया जाएगा और उनकी सेवाओं को समाप्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थानों में गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से सरकारी स्कूलों का विलय किया जा रहा है। सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद और जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थानों का पुनर्गठन किया जाएगा।
इसका उद्देश्य प्रदेश के विद्यार्थियों को गुणात्मक शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार की गलत नीतियों के कारण हिमाचल प्रदेश गुणात्मक शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर 21वें स्थान पर फिसल गया है और वर्तमान प्रदेश सरकार सरकारी शिक्षण संस्थानों में गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रमुखता से कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने शिक्षकों का ज्ञानवर्धन करने और उन्हें विश्वस्तरीय शिक्षण पद्धतियों की जानकारी प्रदान करने के लिए विदेशों में शिक्षण भ्रमण करवाया, ताकि प्रदेश के विद्यार्थी लाभान्वित हो सकें। प्रदेश सरकार शिक्षा, खेल और अन्य क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले मेधावी विद्यार्थियों के लिए भी इस तरह के भ्रमण कार्यक्रम आयोजित करवाएगी।