शुक्रवार को फिर गरजा कर्मचारी महासंघ, मानसून सत्र में काले बिल्ले पहनकर करेंगे काम

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शिमला – नितिश पठानियां

हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान राज्य सचिवालय और विधानसभा के कर्मचारी काले बिल्ले लगाकर काम करेंगे। महंगाई भत्ता और एरियर न मिलने से नाराज राज्य सचिवालय कर्मचारी सेवाएं महासंघ ने शुक्रवार को सचिवालय परिसर में आयोजित आम सभा के दौरान यह एलान किया।

महासंघ के पदाधिकारियों ने कहा कि 26 अगस्त तक सरकार ने वार्ता के लिए नहीं बुलाया तो 27 अगस्त से शुरू होने वाले मानसून सत्र के दौरान पहली बार काले बिल्ले लगाकर काम किया जाएगा। इसके बाद 10 सितंबर को दोबारा आम सभा की जाएगी। सरकार ने मांगों को नहीं माना तो सभी कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर चले जाएंगे।

महंगाई भत्ते और एरियर की मांग को लेकर कर्मचारी महासंघ ने शुक्रवार को सचिवालय परिसर में भोजनावकाश के दौरान प्रदर्शन किया। तकनीकी शिक्षा और टीसीपी मंत्री राजेश धर्माणी की बयानबाजी पर एतराज जताते हुए महासंघ के पदाधिकारियों ने सोमवार तक उन्हें माफी मांगने का अल्टीमेटम दिया। ऐसा नहीं होने पर मंगलवार से मंत्री राजेश धर्माणी के खिलाफ अलग से मोर्चा खोलने का निर्णय भी लिया।

बुधवार को हुई आम सभा में मुख्यमंत्री और अफसरशाही को निशाने पर रखने वाले महासंघ के पदाधिकारियों के तेवर कुछ नरम नजर आए। अब मंत्री राजेश धर्माणी इनके निशाने पर आ गए हैं। सभी वक्ताओं ने अपने संबोधन में मंत्री धर्माणी को खूब खरी-खोटी सुनाई।

महासंघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की सेहत अभी ठीक नहीं है, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना शिमला से बाहर हैं। ऐसे में वीरवार को कोई भी वार्ता नहीं हुई। कर्मचारियों के सब्र का बांध अब टूटने लगा है। महंगाई भत्ता और एरियर कर्मचारियों का हक है, हम कोई अतिरिक्त सुविधाएं नहीं मांग रहे।

उन्होंने कहा कि प्रदेश का हर व्यक्ति कर्मचारियों की मांगों को लेकर संवेदनशील है, लेकिन मंत्री राजेश धर्माणी कटौती करने की धमकी देकर हमें डराने का प्रयास कर रहे हैं। इस प्रकार का व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

‘धर्माणी बताएं, प्रतिमाह 20 हजार फोन और 95 हजार सत्कार भत्ता मिलना कितना जायज’

महासंघ पदाधिकारियों ने कहा, मंत्री धर्माणी को बताना चाहिए कि उन्हें प्रतिमाह 20 हजार रुपये का फोन भत्ता और 95 हजार रुपये का सत्कार भत्ता मिलना कितना जायज है। किसे फोन करने के लिए वह 20 हजार रुपये खर्च कर रहे हैं। मंत्रियों के कार्यालयों पर खर्च किए जा रहे 50-50 लाख रुपये के बारे में उनका क्या कहना है।

‘सुप्रीम कोर्ट का फैसला है दो माह में मिले महंगाई भत्ता’

महासंघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला है कि महंगाई भत्ता दो माह में जारी होना चाहिए। कोर्ट ने एरियर भी छह फीसदी ब्याज के साथ देने को कहा है। प्रदेश में बीते कई माह से महंगाई भत्ता जारी नहीं हुआ है। एरियर की राशि भी नाममात्र ही दी गई है।

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