नूरपुर, देवांश राजपूत
शहरी विकास निदेशालय की तरफ से एक टीम ने नूरपुर का दौरा किया।इस टीम ने ठोस कचरा नियम प्रबंधन नियम 2016 के तहत शहर में लागू की गई कौन सी नीतियों को अमलीजामा पहनाया और क्या कुछ और बेहतर किया जा सकता है उसपर विश्लेषण किया।टीम ने पाया कि शहर में घर घर कूड़ा एकत्रित करने वाली योजना पूरी तरह काम नहीं कर रही और उसको पुनः चालू करना अभी बाकी है।
टीम की माने तो घरद्वार कूड़ा एकत्रित करने की योजना जब भी शुरू होगी तो इसका एकत्रीकरण गीले और सूखे कचरे का अलग अलग से ही होना चाहिए।क्योंकि अगर शुरुआती तौर पर ही इस कूड़े का गीले और सूखे कचरे को अलग कर दिया जाए तो इसका निष्पादन बहुत सरल हो जाता है।टीम सदस्य बलदेव भारती ने जानकारी दी कि उन्होंने परिषद अध्यक्ष के साथ सॉलिड बेस्ड मैनेजमेंट साइट का दौरा किया है जहां पाया कि उस साइट में बहुत कमियां है और उसकी डेवलोपमेन्ट के लिए बहुत काम करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि साइट पर गीले कचरे को अलग कर खाद बनाना और सूखे कचरे को अलग कर रिसाईकल होने वाले कचरे को कबाड़ियों के माध्यम से सेल करना और जो कचरा जलने की प्रक्रिया में आता है उसे ईंधन के रूप में सीमेंट प्लांट में उपयोग किया जाएगा।उन्होंने कहा कि निदेशालय द्वारा सीमेंट प्लांट्स के साथ करार हुआ है जिसमें सीमेंट प्लांट की गाड़ियां खुद आकर उस प्रकार का ईंधन का कचरा लेकर जाएंगी।उन्होंने कहा कि अगर नूरपुर शहर में इस प्रणाली को अपनाया जाता है तो जहां कूड़े कचरे का निष्पादन बहुत आसान तरीके से होगा।
सॉलिड बेस्ड मैनेजमेंट एक्सपर्ट इला जोसेफ ने बताया कि आज नगर परिषद नूरपुर कमेटी के साथ बैठक करने का मकसद यही है कि जो कचरा नूरपुर की पहाड़ियो में गंदगी का कारण बनता है अगर उसी कचरे को निष्पादन प्रक्रिया के साथ उपयोग में लाया जाए तो इससे जहां वातावरण स्वच्छ होगा वहीं गीले और सूखे कचरे के उचित उपयोग से आर्थिकी क्षेत्र भी मजबूत होगा।।