शिमला – नितिश पठानियां
हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के महाप्रबंधक (जीएम) विमल नेगी की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के बाद राज्य सरकार ने उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं।
सरकार ने इस मामले में गृह एवं राजस्व विभाग के अपर मुख्य सचिव ओंकार शर्मा को जांच सौंपी है जो 15 दिनों में अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे। इस जांच के दौरान मृतक अधिकारी के परिजनों, कर्मचारियों और अन्य इच्छुक पक्षों के बयान लिए जाएंगे।
सरकार ने जांच की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए पावर कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक (एमडी) हरीकेश मीना और निदेशक (इलेक्ट्रिकल) देशराज को तत्काल प्रभाव से कार्यमुक्त कर दिया है।
उनकी जगह राकेश प्रजापति (आईएएस, 2012) को एमडी का प्रभार सौंपा गया है, जबकि सुरिंदर कुमार निदेशक (सिविल) को निदेशक (इलेक्ट्रिकल) का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है।
इस मामले को विधानसभा, मीडिया और पावर कॉर्पोरेशन कर्मचारियों द्वारा उठाए जाने के बाद सरकार ने कार्रवाई की है। कर्मचारियों का आरोप है कि जीएम विमल नेगी पर संगठन में भारी दबाव था, जिसके चलते यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई।
गौरतलब है कि कई दिन से लापता चीफ इंजीनियर विमल नेगी का शव पिछले कल बिलासपुर जिला में गोविंद सागर झील से बरामद हुआ है। शव के पास से एक पहचान पत्र मिला था। इस पहचान पत्र के जरिये शव की शिनाख्त की गई।
विमल नेगी हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड में चीफ़ इंजीनियर थे और वर्तमान में डेपुटेशन पर हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीपीसीएल) में जीएम के पद पर राजधानी शिमला में तैनात थे।
विमल नेगी किन्नौर जिले के रहने वाले थे। वह बीते 10 मार्च को अचानक शिमला से लापता हो गए थे। पुलिस उसकी तलाश में जुटी थी। इस दौरान पुलिस को एक टैक्सी चालक ने जानकारी दी कि नेगी ने शिमला से घुमारवीं जाने के लिए टैक्सी बुक की थी।
शिमला के ओल्ड बस स्टैंड पर उन्हें आखिरी बार सीसीटीवी कैमरे में देखा गया था। टैक्सी चालक के मुताबिक उसने विमल नेगी को घुमारवीं में उतारा था। इसके बाद वे भराड़ी-जाहू रोड की ओर जाते देखे गए थे। लेकिन इसके बाद उनका कोई सुराग नहीं मिला था।
विमल नेगी की पत्नी ने बताया था कि वे काफी समय से मानसिक तनाव में थे। उन्होंने दावा किया कि उनके पति को उच्च अधिकारियों द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा था जिससे वे बेहद परेशान थे।
आरोप है कि उन्हें बार-बार दुर्व्यवहार और मानसिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा था। साथ ही उनकी स्वास्थ्य समस्याओं के बावजूद उन्हें चिकित्सा अवकाश नहीं दिया जा रहा था।
विमल नेगी के लापता होने के बाद उनके पैतृक गांव कटगांव में स्थानीय लोगों ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया था। बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर आए और एचपीपीसीएल के अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी की। परिजनों और ग्रामीणों ने प्रशासन से जल्द से जल्द मामले की जांच की मांग की थी।