रैगिंग पर सख्ती, होस्टलों पर पड़ेंगे छापे, नए सत्र से शिक्षण संस्थानों में लागू होगी व्यवस्था

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नए सत्र से शिक्षण संस्थानों में लागू होगी व्यवस्था, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के निर्देश 

शिमला – नितिश पठानियां

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने छात्रों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए उच्च शिक्षण संस्थानों रैगिंग को रोकने के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं। कालेजों में शुरू होने वाले नए सत्र में इन नियमों को सख्ती से लागू किया जाएगा।

इसमें कहा गया है कि अगर कोई संस्थान इन नियमों का पालन नहीं करता है, तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।कैंपस में कैमरे लगाने, होस्टल, कैंटीन और लाइब्रेरी जैसी जगहों में जागरूकता पोस्टर लगाने और छात्रों के साथ बातचीत बढ़ाने की बात कही गई है।

वहीं छात्रों को सुरक्षित माहौल देने के लिए होस्टल, एंटरटेनमेंट सेंटर और बसों का सरप्राइस इंस्पेक्शन करने की राय भी दी गई है। इसके अलावा यूजीसी ने संस्थानों को छात्रों को जागरूक करने के लिए वर्कशॉप और सेमिनार आयोजित करने की सलाह दी है। यूजीसी ने संस्थानों से जूनियर और सीनियर छात्रों के बीच बेहतर संबंध बनाने के लिए मेंटर-मेंटी प्रोग्राम लागू करने को कहा है।

हेल्पलाइन नंबर

छात्रों के लिए सहायता केंद्र रैगिंग की घटनाओं से निपटने के लिए एक हेल्पलाइन भी जारी की गई है। इसके लिए राष्ट्रीय एंटी-रैगिंग हेल्पलाइन 1800-180-5522 पर संपर्क कर सकते हैं।

अधिकारियों की जवाबदेही

रैगिंग की घटनाओं या छात्र आत्महत्या जैसे मामलों में संस्थानों के जिम्मेदार अधिकारियों को जवाबदेह ठहराया जाएगा। ऐसे मामलों की जांच के लिए विशेष समितियां गठित करने और कानूनी विशेषज्ञों की मदद लेने की बात कही गई है। संस्थानों से उम्मीद की गई है कि रैगिंग को पूरी तरह खत्म करने के लिए सामूहिक प्रयास किए जाएं।

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