शिमला – नितिश पठानियां
विमल नेगी मौत मामले में सीबीआई जांच के आदेश के बाद शिमला एसपी संजीव गांधी ने अपने ही आलाधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और डीजीपी अतुल वर्मा पर गंभीर आरोप लगाए। जिसको लेकर पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है।
जयराम ने कहा कि कांग्रेस सरकार में अधिकारी निरंकुश हो गए हैं। उन्होंने पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े किए। विमल नेगी मौत मामले की जांच CBI को सौंपे जाने के बाद विपक्षी दल बीजेपी कांग्रेस सरकार पर लगातार हमलावर है। इस कड़ी में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार पर निशाना साधते हुए पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े किए।
जयराम ठाकुर ने कहा कि शिमला एसपी संजीव कुमार गांधी ने डीजीपी के खिलाफ खुलेआम प्रेसवार्ता की। AG अनूप रतन कोर्ट के खिलाफ बात कर रहे हैं। आज से पहले न तो कभी ऐसा हिमाचल प्रदेश में हुआ और न ही पूरे देश में हुआ है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त है। सरकार का चेहरा पूरी तरह बेनकाब हो चुकी है। कांग्रेस सरकार में अधिकारी निरंकुश हो गए हैं। अगर शिमला एसपी को राजनीति करनी है तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।
जयराम ठाकुर ने कहा कि एसपी और एजी का प्रेसवार्ता करना कोर्ट की अवमानना है। उन्होंने दावा किया है कि सीबीआई के डीजी को एसपी संजीव कुमार गांधी ने पत्र लिखा और मामले में अपील की बात कही है, जबकि वे ऐसा नहीं कर सकते हैं। उन्होंने पूछा कि क्या वे इतने बड़े हो गए हैं कि सीएम सुक्खू ने सभी अधिकार उन्हें ही दे दिए हैं।
शिमला के एसपी संजीव कुमार गांधी ने कोर्ट में ही डीजीपी डॉ. अतुल वर्मा के खिलाफ बड़ी-बड़ी बातें की। इसके लिए उन्हें कोर्ट ने फटकार लगाई और तब भी एसपी शिमला मान नहीं रहे हैं। डीजीपी ने कोर्ट को बताया कि एसपी शिमला ने मामले में सही तरह से जांच नहीं की। वे गैर जरूरी तरह से मामले में हस्तक्षेप करते रहे।
पेन ड्राइव की रिकवरी को छिपाने की कोशिश की गई और बाद में उसे भी फॉर्मेट किया गया। इस पूरे मामले में सरकार का हस्तक्षेप है और इसी वजह से सबूतों से छेड़छाड़ की गई है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने एएसआई पंकज की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि अब तो पंकज की जान पर भी खतरा है।
वहीं, जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का इस्तीफा मांगा है। जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार में उनकी कोई भी बात नहीं सुनता। विमल नेगी पर गलत काम करने का दबाव था। मौत के बाद परिवार के लोग CBI जांच चाह रहे थे, लेकिन CM ने इस बारे में सदन में बार-बार झूठ बोलने का काम किया।
परिवार कभी भी सरकार की जांच से संतुष्ट नहीं थी। मुख्यमंत्री को झूठ बोलने की आदत लग गई है और यह इस मामले में साबित भी हो गया। जयराम ठाकुर ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करने के साथ पेखुबेला प्रोजेक्ट में गड़बड़ी के आरोप लगाए हैं।