पठानकोट, भूपेंद्र सिंह राजू
पंजाब राज्य की सीमा से सटे हिमाचल प्रदेश के गांव मजारी में राजकीय प्राथमिक पाठशाला मजारी दो में मंडी बोर्ड हिमाचल प्रदेश की ओर से निर्माण कार्य के लिए नीव खोदे जाने के बाद अभिभावकों एवं मंडी बोर्ड में विवाद पैदा हो गया,
नीव खोदे जाने के बाद आज मजारी पाठशाला में एकत्रित हुए बच्चों के अभिभावकों में विक्रम सिंह, खुशाल सिंह ,जसवीर सिंह ,अवतार सिंह, सतनाम सिंह आदि ने रोष प्रकट करते हुए कहा कि यह पाठशाला जिस जगह चल रही है बेशक मंडी बोर्ड की जमीन है मगर इस स्थान पर पाठशाला का निर्माण1999 में हुआ था तथा तब से पाठशाला इस स्थान पर चल रही है तथा पिछले दो दशकों से हमारे बच्चे इस पाठशाला में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, मगर इतने लंबे अरसे के बाद अब अचानक कुछ दिन पहले पाठशाला के कमरों के आगे नीव खोदनी शुरू कर दी जिस से रसोई का आधा हिस्सा एवं स्कूल में आने वाला पूरा गेट मंडी बोर्ड की चारदीवारी में आ जाएगा,
उल्लेखनीय है कि साल 1987 में उस समय की पंचायत समिति ने स्कूल की जमीन की रजिस्ट्री मंडी बोर्ड हिमाचल के नाम कर दी थी,
पाठशाला के स्कूल मैनेजमेंट कमेटी के चेयरमैन बलविंदर कौर ने बताया कि हमने करीब 2 वर्ष पहले इस संदर्भ में एक प्रस्ताव पंचायत एवं कमेटी की ओर से माननीय मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश, शिक्षा मंत्री हिमाचल प्रदेश, शिक्षा सचिव शिक्षा विभाग एवं एसडीएम सुभाष घाट आदि को देख कर मांग की थी कि स्कूल की जमीन शिक्षा विभाग के नाम की जाए, मगर 2 वर्ष बीत जाने के बाद भी संबंधित अधिकारियों की ओर से कोई भी कार्रवाई नहीं की गई,
पाठशाला के मुख्य अध्यापक नरेंद्र कुमार ने बताया कि स्कूलों में छुट्टियां चल रही है तथा कुछ दिन पहले मंडी बोर्ड की ओर से स्कूल के कमरों के आगे नीव की खुदाई करनी शुरू कर दी,उन्होंने बताया कि जब उनको इसके बारे में पता चला तो उन्होंने इसके संबंध में लिखित में सूचना एसडीएम स्वारघाट एवं डिप्टी डायरेक्टर शिक्षा बिलासपुर को दीया,
इस मसले के बारे में जब डिप्टी डायरेक्टर शिक्षा बिलासपुर सुदर्शन चौधरी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जब इस मसले के सूचना मिली तभी उन्होंने ब्लाक प्राइमरी अधिकारी के माध्यम से उक्त स्कूल में हो रहे कार्यों को रुकवा दिया था, तथा इस मसले की हम पैरवी कर रहे हैं,
इस मसले के बारे में मंडी बोर्ड हिमाचल प्रदेश बिलासपुर के सचिव संदीप गौतम से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस मसले के बारे में शिमला स्थित उच्च अधिकारियों को लिखा गया है तथा जो भी सरकार के आदेश होगे उसके अनुसार ही कार्य किया जाएगा,