कम बारिश होने से तापमान में आए बदलाव से फूलों पर देखने को मिल रहा असर, फरवरी के अंत और मार्च में आते थे फूल
हिमखबर डेस्क
इस सीजन में बारिश की कमी ने फसलोत्पादन को प्रभावित किया है तो तापमान में बदलाव का असर फूलों पर भी देखने को मिल रहा है। जानकारों के अनुसार मौसम के बदलाव के कारण ही इस बार बुरांस के फूल समय से पहले पूरी तरह तैयार हो गए हैं। फरवरी के अंतिम दिनों व मार्च के महीने में बाजार में दिखने वाले बुरांस के फूल इस बार जनवरी के अंतिम सप्ताह से ही उपलब्ध हो गए हैं।
पालमपुर के साथ लगते पहाड़ों पर बुरांस के पेड़ों की काफी तादाद है। लोग बुरांस के पेड़ों से ताजा फूला तोड़ कर लाते हैं और उनको बाजार में बेचा जाता है। हर साल यह फूल लाने वालों के अनुसार इस बार बुरांस के फूल समय से पहले ही तैयार हो गए हैं।
जानकारों के अनुसार अमूमन बुरांस के फूल मार्च-अप्रैल में खिलते हैं। इनका उपयोग दवाईयों में किया जाता है वहीं लोग बुरांस के फूलों की चटनी और षरबत भी खूब पसंद करते हैं। वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रो अषोक कुमार सरयाल कहते हैं कि इस बार बारिष की कमी और समय से पहले तापमान में वृद्धि से बुरांस के पेड़ों पर समय से पहले ही फूल तैयार हो गए हैं।
तीन सौ रुपए किलो बिक रहे फूल
समय से पहले ही मार्केट में आ गए बुरांस के फूल इस समय करीब तीन सौ रुपए किलो की दर से बिक रहे हैं। स्थानीय लोग बुरांस के फूल की चटनी खूब पसंद करते हैं, जो कि घर में आसानी से बन जाती है। पालमपुर सहित मुख्य बाजारों के साथ पठानकोट-मंडी नेशनल हाई-वे पर परौर आदि क्षेत्रों में लोग बुरांस के फूल बेच रहे हैं।
बुरांस के फूल के लाभ
बुरांस फूल प्राकृतिक रूप से स्वास्थ्यवर्धक पोषक तत्त्वों से भरपूर होता है और इसे आमतौर पर जूस या स्क्वैश के रूप में पिया जाता है। यह जूस सूजन, लीवर की बीमारियों को ठीक करने, गठिया के दर्द, ब्रोंकाइटिस और ग्राउट को कम करने के लिए अच्छा माना जाता है। बुरांस फूल का स्क्वैश और जूस इंसुलिन असंतुलन को ठीक करने और त्वचा, हृदय और लीवर की समस्याओं को ठीक करने के लिए भी जाना जाता है।