शिमला – नितिश पठानियां
यदि किसी महिला के मायके पक्ष में शादी से पहले उसका जमीन पर अधिकार है, तो उसे भूमिहीन नहीं माना जा सकता। सरकार ने भूमिहीन परिवारों की पात्रता को लेकर इसे स्पष्ट कर दिया है।
विधानसभा में विधायक आशीष शर्मा के एक सवाल के लिखित जवाब में बताया गया है कि प्रदेश में भूमिहीन परिवारों को सरकारी भूमि तीन बिस्वा व दो बिस्वा योजना चलाई गई है। इसके अंतर्गत उपलब्धता एवं पात्रता अनुसार उनको जमीन दी जाती है।
इस योजना के तहत ऐसी महिलाओं को पात्र माना जाता है जिनके पति भूमिहीन थे और उनकी मृत्यु हो गई है। भले ही महिला का मायके पक्ष में भूमि में अधिकार हो। यदि महिला पहले ही मायके में भूमि की मालिक है, तो ऐसी महिला के परिवार को भूमिहीन नहीं माना जा सकता एवं वह तीन व दो बिस्वा योजना के तहत भूमि आबंटन हेतु पात्र नहीं है।

