मंडी – अजय सूर्या
नगर निगम मंडी के तहत आने वाले सन्यारड़ में बरसात के कारण 3 घर गिर चुके हैं, जबकि चौथा घर गिरने की कगार पर है। अगर यह चौथा घर गिर जाता है तो फिर इसके बाद 20 अन्य घरों पर भी गिरने का संकट मंडरा जाएगा। सन्यारड़ गांव के लोग इन दिनों खतरे के साए में अपना जीवन यापन करने को मजबूर हैं।
प्रभावित नर्बदा चौहान, दुर्गा दास, भावना और बीआर. ठाकुर ने बताया कि वर्ष 2022 की बरसात के दौरान यहां जमीन धंसने का सिलसिला शुरू हुआ। उसके बाद प्रशासन की तरफ से सुरक्षा दीवार भी लगाई गई लेकिन 2023 की बरसात में सुरक्षा दीवार भी धराशायी हो गई और 3 घर भी जमींदोज हो गए।
यहां जमीन धंसने का सिलसिला लगातार जारी है जिस कारण अब एक अन्य घर पर भी गिरने का संकट मंडरा गया है। इसके साथ ही 20 अन्य घरों पर भी हर समय खतरा मंडरा रहा है। इन घरों तक जाने वाला रास्ता भी क्षतिग्रस्त हो गया है जिसके कारण यहां आने-जाने के लिए भी बच्चों और बुजुर्गों को खासी परेशानी से जूझना पड़ रहा है।
प्रभावित रणधीर सिंह और आकाश सर्बवाल ने बताया कि सरकार का कोई नुमाइंदा अभी तक इनकी सुध लेने मौके पर नहीं आया है। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन की तरफ से मदद की गई थी लेकिन वो भी काम नहीं आई।
अब जिला प्रशासन ने इसकी पीपीआर बनाकर सरकार को भेजी है। इन्होंने प्रदेश सरकार से इस पीपीआर को जल्द से जल्द मंजूर करने की गुहार लगाई है ताकि समय रहते यहां पर धंस रही जमीन को बचाने की कवायद की जा सके और लोगों के घरों को सुरक्षित रखा जा सके।
एडीएम मंडी डा. मदन कुमार के बोल
वहीं, जब इस बारे में एडीएम मंडी डा. मदन कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन सन्यारड में धंस रही जमीन के मामले में पूरी संजीदगी से काम कर रहा है। यहां जमीन धंसने के कारणों का पता लगाने के लिए सर्वे भी करवाया गया है। इसकी एक कंपलीट पीपीआर बनाकर सरकार को भेज दी गई है। प्रभावितों की प्रशासन द्वारा हर संभव मदद की जा रही है।
बता दें कि सन्यारड की पहाड़ी पर बहुत बड़ी संख्या में लोगों ने अपने घर बना रखे हैं और जहां से इस पहाड़ी की जमीन धंसने का सिलसिला शुरू हुआ है वो एक तरह से भविष्य के लिए खतरनाक संकेत हैं। यदि समय रहते यहां इसकी रोकथाम के पुख्ता प्रयास नहीं किए गए तो फिर भविष्य में इसके दूरगामी परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।