स्कूल प्रबधन समिति के जनरल हाऊस में किया खुलासा, माकपा और स्थानीय जनता करेगी विरोध।
मंडी – अजय सूर्या
मढ़ी अटल आदर्श विद्यालय को बेचने की पटकथा यहां के विधायक चन्द्रशेखर ने ही लिखी है। ये आरोप माकपा नेता व पूर्व ज़िला पार्षद भूपेंद्र सिंह ने उन पर लगाया है।
इस विद्यालय को हिमाचल सरकार ने पीपीपी मॉडल के तहत नीलाम करने की प्रक्रिया 24 जुलाई से शुरू कर दी है और उसके लिए टेंडर जारी कर दिया गया है। लेक़िन स्थानीय लोग यहाँ पर सौ साल पहले बने स्कूल के अस्तित्व को बचाने के लिए 17 जुलाई को स्कूल बचाओ अभियान समिति के बैनर तले एकजुट हुए हैं।
सरकारी प्लस टू स्कूल बचाने के लिए 21 जुलाई को ग्राम सभा 24 को एसडीएम के माध्य्म से मुख्यमंत्री को मांगपत्र भेजा और 1 अगस्त को विधायक को उनके आवास बहरी में मांगपत्र सौंपा।
उसी कड़ी में 3 अगस्त को स्कूल प्रबंधन कमेटी का जनरल हाऊस पिछले कल 3 अगस्त को आदर्श विद्यालय परिसर मढ़ी में आयोजित किया गया है और उसमें विधायक भी शामिल हुए।
स्थानीय जनता की ओर सभी वक्ताओं ने उनके सामने एक ही मुद्दा उठाया कि सरकारी स्कूल को बचाने के लिए तुरन्त सरकार निर्णय ले और उसके लिए भवन मैदान इत्यादि का निर्माण किया जाए और तब तक कक्षाएं आदर्श विद्यालय में ही चलती रहें और उसके लिए विभाग अधिसूचना जारी करे।
लेक़िन जब विधायक ने अपनी बात रखी तो वे एक घण्टा वहां मौजूद लोगों को जिनमें काफ़ी संख्या महिलाओं की थी ये समझाते रहे कि सरकार इस स्कूल को चलाने की स्थिति में नहीं है और निजी क्षेत्र का स्कूल सरकारी से अच्छा होगा।
उन्होंने कहा कि वे चार पांच राज्यों में शिक्षा सचिव के साथ जाकर अध्ययन कर चुके हैं जिसमें उन्हें निजीकरण का मॉडल ही सबसे अच्छा लगा और वे उसी आधार पर इस स्कूल को भी चलना चाहते हैं।
उन्होंने ये भी तर्क दिया कि जितने भी बच्चे धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र से बाहर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं वे सब फ़िर वापिस लौट आएंगे और मढ़ी के बोर्डिंग स्कूल में ही शिक्षा ग्रहण करेंगे।
उन्होंने मढ़ी के व्यापारियों को भी कहा कि ऐसा होने पर उनकी दुकानें रविवार को भी खुली रहेंगी और वे बहुत पैसा कमाएंगे। उन्होंने ऐसा सुझाव भी दिया कि स्कूल प्रिंसिपल, प्रबंधन समिति, पँचायत प्रधान, वर्तमान व पूर्व ज़िला पार्षद यदि इस स्कूल को चला सकते हैं तो वे उसके लिए तैयार हैं।
जिस पर भूपेंद्र सिंह ने आपत्ति जताते हुए उन्हें ये कहा कि इसके लिए सरकार होती है और उनको विधायक भी इसीलिए बनाया गया है।
जब लोगों ने आदर्श विद्यालय के साथ लैब की ख़ाली भूमि पर प्लस टू स्कूल का भवन बनाने का प्रस्ताव रखा तो उसे भी उन्होंने नकार दिया और तर्क दिया कि आदर्श विद्यालय में अमीरों के बच्चे आएंगे तो उसके साथ ही गरीब बच्चों के लिए सरकारी स्कूल अच्छा नहीं लगेगा इसलिए उनके लिए कहीं दूर पर ही स्कूल बनाना उचित होगा।
यही नहीं उन्होंने कांग्रेस पार्टी के कुछ लोगों को सोशल मीडिया में तथा सांगठनिक रूप में ये निर्देश जारी कर दिए हैं कि वे इसका विरोध न करें।
उनकी बात में इतनी तल्ख़ी थी कि उन्होंने यहां तक धमकी दे डाली की तुम जो मर्जी अभियान समिति बनाओ नारे लगाओ हमने स्कूल बेचने का निर्णय ले लिया है जो अगले 15 दिनों में लागू होने वाला है।
उन्होंने अपने सम्बोधन में एक और ग़लत तथ्य लोगों में रखा जिसमें जिन सलौन गांव के लोगों ने ज़मीन दान की है उनके नाम अटल आदर्श विद्यालय के निर्माण के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने वाले बता दिया जिसका मौके पर ही विरोध हुआ।
यहीं नहीं वहां मौजूद महिलाओं ने बाद में ये भी कहा कि अगर वे चुप नहीं होते तो वे उनके खिलाफ मुर्दाबाद के नारे और घेराव करने के लिए तैयार थी।
इस प्रकार अब विधायक की सोच और इस स्कूल के बारे जो योजना है वे स्पस्ट हो गई है और उससे यही निष्कर्ष निकलता है कि इसे बेचने के पीछे उन्ही की सोच और प्लान है जिसका खामियाजा भुगतने के लिए वे अब तैयार रहें।
भूपेंद्र सिंह ने कहा कि इस साल हालांकि मढ़ी स्कूल में बच्चों की संख्या बढ़ी है और उसके लिए स्थायी भवन का निर्माण हो जायेगा तो ये संख्या और बढ़ेगी। दूसरा यहां पर पहले ही संधोल और धर्मपुर में केंद्रीय विद्यालय हैं।
धर्मपुर में विजय मेमोरियल तथा गरयोह में डीएवी स्कूल है और उसके अलावा दर्जनों निजी स्कूल हैं। वैसी स्थिति में वे एक और नीजि क्षेत्र वाला स्कूल बनाने के लिए आतुर हैं जिस पर जनता का 55 करोड़ रुपए खर्च किया गया है।
उनकी ये बात भी लोगों को हज़म नहीं हुई कि आदर्श विद्यालय में अमीरों के बच्चे जब शिक्षा ग्रहण करने आएंगे तो उसके साथ सरकारी स्कूल जिसमें गरीबों, अनुसूचित जातियों व अन्य आर्थिक रूप में कमज़ोर पृष्ठभूमि के बच्चों का स्कूल कैसे चल सकता है।
इससे विधायक की आम ग़रीब विरोधी संकीर्ण सोच भी जनता के सामने आई है और लोग ये कहते सुने गए कि हमने इस बार बहुत बड़ी भूल कर दी है।
इसलिए माकपा विधायक को ये सलाह दे रही है कि वे सरकारी स्कूल को बचाने बारे तुरन्त निर्णय ले और अटल आदर्श विद्यालय का ग्राउंड फ्लोर इसी स्कूल को ट्रांसफर कर दिया जाए। बाकी कमरों और आवास के बारे में यहाँ की जनता के सुझावों को ध्यान में रखकर निर्णय लिया जाए।