व्यूरो रिपोर्ट
भाजपा सांसद कंगना रणौत ने कहा है कि अगर हमारा शीर्ष नेतृत्व मजबूत नहीं रहता, तो किसान आंदोलन के दौरान पंजाब को भी बांग्लादेश बना दिया जाता। एक इंटरव्यू में कंगना ने कहा कि पंजाब में किसान आंदोलन के नाम पर उपद्रवी हिंसा फैला रहे थे।
वहां रेप हो रहे थे, लाशों को लटकाया जा रहा था। जब उस कृषि बिल को वापस लिया गया तो ये उपद्रवी चौंक गए, क्योंकि उनकी प्लानिंग तो बहुत लंबी थी। उन पर समय रहते कंट्रोल पा लिया गया, वरना वे कुछ भी कर सकते थे।
इस इंटरव्यू पर कड़ी आपत्ति जताते हुए पंजाब के कांग्रेस नेता राजकुमार वेरका ने कहा कि कंगना लगातार किसानों पर ऐसे बयान दे रही हैं। उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए और उन पर एनएसए लगाया जाए। राजकुमार वेरका दो बार कांग्रेस किसान आंदोलन विधायक रह चुके हैं।
उन्होंने कहा कि कंगना रोज पंजाब के नेताओं के खिलाफ जहर उगलती हैं। उन्होंने किसान को खालिस्तानी कहा। देश के किसानों को गाली दी। वह किसी की शह पर बोल रही हैं। भाजपा इसके लिए सफाई दे। मैं मुख्यमंत्री भगवंत मान से मांग करता हूं कि एफआईआर दर्ज की जाए।
इसके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत एक्शन हो और उन्हें डिब्रूगढ़ जेल भेजा जाए। कांग्रेस के प्रवक्ता अतुल लोंढे ने कहा कि कंगना ने किसानों को रेपिस्ट कहा है। क्या प्रधानमंत्री मोदी उन पर एक्शन लेंगे या फिर उन्हें भी साध्वी प्रज्ञा की तरह बचा लिया जाएगा।
वहीं, पंजाब भाजपा ने कंगना रणौत के बयान से पल्ला झाड़ लिया है। पंजाब भाजपा के सीनियर नेता हरजीत ग्रेवाल ने कहा कि यह कंगना का निजी बयान है। इसका पार्टी से कोई संबंध नहीं है।