भाजपा नही चाहती प्रदेश की आर्थिकी हो मजबूत

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शिमला – नितिश पठानियां

हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव बलदेव ठाकुर ने आज जारी बयान में कहा है कि मुख्यमंत्री ने जो वितीय अनुशासन और वितीय प्रबंधन के लिए बीड़ा उठाया है उससे निश्चित तौर पर हिमाचल पर हर क्षेत्र मे आर्थिक रूप से मजबूत होगा।

बलदेव ठाकुर ने कहा कि जिस दिन सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदेश1मे सत्ता संभाली थी उस दिन प्रदेश पर पूर्व जयराम सरकार की फिजूलखर्ची और वितीय कुप्रबन्धन की वजह से प्रदेश 75 हजार करोड़ से ज्यादा कर्जे के तले दबा हुआ था और पहले दिन से ही मुख्यमंत्री सुक्खू हिमाचल प्रदेश को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए प्रयासरत है।

बलदेव ठाकुर ने कहा कि हिमाचल की प्राकृतिक संपदा जिसका फायदा दूसरे राज्यो को हो रहा है उसके एवज में वाटर सेस इतियादी लगाना बिल्कुल तर्कपूर्ण है ओर ऐसे कई प्राकृतिक संसाधन हिमाचल में है जिससे हिमाचल को बड़ी मात्रा राजस्व प्राप्त हो सकती है।

किंतु केंद्र की मोदी सरकार जानबूझकर हिमाचल भाजपा नेताओं की शय पर राजस्व को पैदा करने वाली कई योजनाओं को जानबूझकर इसलिए मंजूरी नही दे रही क्योंकि भाजपा के नेता नही चाहते कि हिमाचल अर्थिकि रूप से सुदृढ़ हो और भाजपा की राजनीतिक जमीन खिसके।

बलदेव ठाकुर ने मुख्यमंत्री द्वारा विधानसभा मे ये वक्तव्य की कर्मचारियों का मासिक वेतन अगर क्रमशः महीने की पांच तारीक और पेंशन 10 तारिक को देने का फैसला वितीय प्रबंधन और समय की जरूरत है और ऐसे समय जब केंद्र की भाजपा सरकार हिमाचल को मिलने वाले हर ग्रांट पर कट लगा रही है और कर्मचारियों को जो हिमाचल सरकार ने ओ पी एस दी उसका पैसा जो अंशदान के रूप मे केंद्र के पास जमा है। उसको भी प्रदेश सरकार को वापिस नही लौटाया जा रहा।

ऐसे मे कर्मचारियों को अगर सही तरीके से वितीय लाभ और देय एरियर का भुगतान करने के लिए जरूरी था कि वितीय अनुशासन और प्रबंधन के तहत ऐसे कदम उठाए जाएं जिससे सीधे तौर पर महीने के लगभग तीन करोड़ यानी साल के 36 करोड़ रुपये की बचत सरकार को होगी जिसका उपयोग कर्मचारियों की भलाई के लिए किया जा सकेगा।

बलदेव ठाकुर ने कहा कि 1200 रुपये वेतनधारक को अगर एक तारीक को वेतन दिया जाए तो 7.50% प्रतिदिन के हिसाब से ब्याज के रूप मे सरकार को 0.25 औरइसी हिसाब से पेंशन के लिए दस दिन का 1.25 रुपये खर्चा जो ब्याज के बोझ के रूप मे सरकार को अदा करना पड़ रहा है।

जबकि भारत सरका से RDG के रूप मे 520 करोड़ छह तारिक को और केंद्रीय टैक्स का शेयर जो कुल740 करोड़ है वो वो 10 तारीक को राज्य को प्राप्त होता है ।इसलिए ऐसे समय मे इस तरह के निर्णय मुख्यमंत्री की दूरदर्शिता को दर्शाता है।

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