भाजपा-कांग्रेस सरकारों की बड़ी नाकामी; लोगों में गुस्सा, चुनावों में पड़ न जाए भारी
हिमखबर डेस्क
हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला के पहले शैक्षणिक सत्र 2009 के 15 वर्षों के बाद भी लटका हुआ है। आज 21वीं सदी के आधुनिकता की तरफ दौड़ रहे देश व हिमाचल के हाल तो देखिए कि भाजपा व कांग्रेस दोनों प्रमुख दलों की पार्टियां केंद्र व राज्य में सरकार होने के बावजूद ज़मीन की खींचतान में 15 वर्षों से सीयू पर राजनीति का फुटबाल खेला जा रहा है।
केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला को 512 करोड़ के करीब बजट लंबे समय तक धूल फांकता रहा है। इस बीच हल्की राहत भरी खबर मात्र यह है कि देहरा में सीयू के व्यास परिसर का कार्य ज़ोरों पर चला हुआ है और 23 भवनों के कार्य को तेज़ गति से करते हुए 43 फीसदी कार्य पूरा होने का दावा किया जा रहा है।
इस बीच बड़ी समस्या अब भी यह बनी हुई है कि धर्मशाला में होने वाले 30 फीसदी निर्माण के लिए केंद्रीय वन मंत्रालय सहित अन्य विभागों के 30 करोड़ रुपए के करीब राशि जमा होनी थी, लेकिन करीब डेढ़ वर्ष से उसे जमा ही नहीं करवाया गया है।
इससे धर्मशाला में होने वाला 30 फीसदी निर्माण कार्य शुरू तक नहीं हो पा रहा है। आजादी की 61वीं सालगिरह पर पूरे 15 साल पहले 15 अगस्त 2007 को देश की राजधानी दिल्ली के लाल किले से झंडा फहराते हुए देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री ने भारत के 16 राज्यों में केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाए जाने की घोषणा की थी, लेकिन 61वीं सालगिरह में प्रदान किए गए तोहफे को आजादी के 77वीं वर्षगांठ भी बीत चुकी हैं। जबकि सीयू को डेढ़ दशक बाद भी अपना भवन नहीं मिल पाया है।
अब डेढ़ दशक से अधिक का समय होने पर भी केंद्रीय विवि धर्मशाला धौलाधार परिसर की एक भी ईंट तक नहीं लग पाई। इतना ही नहीं छह वर्ष पहले एनडीए सरकार के केंद्रीय एमएचआरडी मंत्री धर्मशाला व देहरा में सीयू भवन का शिलान्यास भी कर गए थे, लेकिन उसके आगे देहरा में तो काम युद्ध स्तर पर चल रहा है।
जबकि धर्मशाला अब भी सियासी फुटबॉल ही बना हुआ है। धर्मशाला जदरांगल की कुल 90 हेक्टेयर भूमि में निर्माण कार्य होना है, जिसमें पैसे जमा न होने से काम शुरू नहीं हुआ है। जबकि देहरा में 115 हेक्टेयर भूमि में कार्य जोरों से चल रहा है।
फाइलों में ही घूम रहे प्रोपोजल
हिमाचल के 17 स्कूलों में स्कूल ऑफ मेडिसन साइंस, स्कूल ऑफ हैल्थ एंड अलाइड साइंस, स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग साइंस एंड टेक्रोलॉजी, स्कूल ऑफ फिजिकल एंड मैटीरियल साइंस, स्कूल ऑफ लाइफ साइंस, स्कूल ऑफ अर्थ एंड इन्वायरमेंट साइंस, स्कूल ऑफ मैथेमैटिक्स, कम्प्यूटर एंड इनफोरमेशन साइंस, स्कूल ऑफ हमुयूनिटिस एंड लंग्वेज, स्कूल ऑफ सोशल साइंस, स्कूल ऑफ एजुकेशन, स्कूल ऑफ बिजनेस एंड मैनजमेंट स्टडी, स्कूल ऑफ टूरिज्म, ट्रैवल एंड हॉस्पिटेलिटी मैनजमेंट, स्कूल ऑफ फाइन आट्र्स एंड आर्ट एजुकेशन, स्कूल ऑफ जर्नलिज्म, मास कम्युनिकेशन एंड न्यू मीडिया, स्कूल ऑफ प्लानिंग, आर्किटेक्चर एंड डिजाइन, विधि एवं न्याय शास्त्र स्कूल और स्कूल ऑफ फिजिकल एजुकेशन, स्पोट्र्स एंड एथेलेटिक्स शुरू किए जाने का प्रोपोजल है।
इसके तहत उक्त 17 स्कूलों में 90 विभिन्न विभागों के तहत अध्ययन व शोध किया जाना प्रस्तावित हैं। इसमें अब तक मात्र 11 स्कूल चलाए जा रहे हैं, जिसमें अब तक मात्र 40 के करीब डिपार्टमेंट शुरू हो पाए हैं। जबकि पांच स्कूल व 50 डिपार्टमेंट शुरू किए जाने का प्रोपोजल मात्र फाइलों में ही घूमता हुआ नज़र आ रहा है।
मेडिकल-इंजीनियरिंग लॉ की पढ़ाई प्रस्तावित
सीयू का अब उचित भवन शुरू होने व भवन निर्माण होने पर ही उक्त महत्त्वपूर्ण स्कूलों को शुरू किया जा सकता है। इसमें हिमाचल में अब केंद्रीय विवि में मेडिकल में डाक्टर बनने, इंजीनियरिंग में इंजीनियर बनने और लॉ डिपार्टमेंट में अध्ययन करके अधिवक्ता व न्यायधीश बनने की प्रक्रिया तक छात्र पहुंच सकते हैं।
यह कहते हैं सीयू के कुल सचिव
सीयूएचपी धर्मशाला के कुल सचिव डा. सुमन शर्मा ने बताया कि देहरा में 43 फीसदी के करीब कार्य पूरा कर लिया गया है। धर्मशाला के केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय सहित कुछ अन्य विभागों में राज्य सरकार की तरफ से पैसे जमा होने है, उसके बाद निर्माण कार्य तेज़ गति से शुरू कर दिया जाएगा।