भला हो एसा सरकारा रा, दीन दुखियों को हिमाचल सरकार का ‘सहारा’

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मंडी,व्यूरो 11 फरवरी –

‘एक तो जेब की तंगहाली उस पर बीमारी की लाचारी, हालात ऐसे थे कि कहीं ठौर नहीं, पर भला हो जय राम सरकार का जो हम दीन दुखियों का सहारा बन के आई है।’ ये कहते कहते मंडी जिला की सदर तहसील के सारी गांव की धानी देवी मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर का आभार जताते हुए भावुक हो गईं। वे कुछ देर आंखें मूंदे…हाथ जोड़े..खुद ही में खोई बड़बड़ाती रहीं ‘भला हो एसा सरकारा रा – भला हो एसा सरकारा रा।’

धानी देवी ने दिल में उमड़े श्रद्धा के भावों (जो चेहरे पर भी साफ-साफ झलक रहे थे) से ओतप्रोत हो एकबार आसमान की ओर देखा…फिर से हाथ जोड़े और दुआएं देते हुए बात को आगे बढ़ाया। बताया कि सरकार से मिले भरोसे और 3 हजार की मासिक मदद के सहारे बीमारी (बै्रस्ट कैंसर) के चलते लंबे समय से चल रहे उपचार के दौरान उन्हें व उनके परिवार को हो रही वित्तीय और अन्य समस्याओं से अब काफी हद तक निजात मिली है।

धानी देवी के पति सेवक राम कहते हैं कि पत्नी की बीमारी के चलते मानसिक पीड़ा तो है ही, दूजा खर्चे की भी बड़ी परेशानी रही। पर अब सरकार की मदद से खर्चे की ओर से बड़ी राहत है। यह केवल उनका ही कहना नहीं है, मंडी जिला के हजारों परिवार, जिन्होंने इस योजना से सहारा पाया है, वे सभी मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर और हिमाचल सरकार का आभार जताते हुए बार-बार धन्यवाद कहते हैं। योजना के तहत मंडी जिला में करीब 38 सौ परिवारों को अब तक 1.15 करोड़ रुपये प्रदान किए चुके हैं।

स्वास्थ्य योजनाओं में एक और सुनहरा अध्याय
प्रदेश सरकार हर हिमाचली के लिए दुख तकलीफ की किसी भी परिस्थिति में सहारा बन कर खड़ी है। मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर का इस ओर विशेष ध्यान है कि सेहत संबंधी परेशानियों के कारण किसी भी हिमाचली को आर्थिक संकट से न जूझना पड़े। मुख्यमंत्री की संवदेनशीलता के इसी भाव से प्रदेश में दीन दुखियों, गरीबों के लिए सहारा योजना का अंकुरण हुआ है। इससे प्रदेश की स्वास्थ्य योजनाओं में एक और सुनहरा अध्याय जुड़ गया है।

हर महीने तीन हजार रुपये की सहायता
सहारा योजना में गंभीर बीमारियों से पीडि़त मरीजों की आर्थिक मदद का प्रावधान किया गया है। इसके तहत आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए गंभीर रोगों में हर महीने तीन हजार रुपये सीधे उनके बैंक खाते में डाले जा रहे हैं। योजना का उद्देश्य लंबी अवधि तक उपचार के दौरान रोगियों व उनके परिवारों को आने वाली वित्तीय और अन्य समस्याओं से निजात दिलाना है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. देवेंद्र शर्मा बताते हैें कि सहारा योजना के अंतर्गत कैंसर, पार्किंसन, पैरालिसिस, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी, थैलेसीमिया, हिमोफिलिया, गुर्दे की विफलता या अन्य कोई रोग जो स्थाई रूप से रोगी को अक्षम करते हों, ऐसे रोगियों को हर महीने तीन हजार रुपये दिए जा रहे हैं। पहले ये राशि 2 हजार थी, जिसे सरकार ने अब बढ़ा कर 3 हजार रुपये कर दिया है।

यह मदद बीपीएल व 4 लाख तक की सालाना आय वाले परिवारों को दी जा रही है। जो सरकारी कर्मचारी व पैंशनर चिकित्सा प्रतिपूर्ति लेते हैं वे इस स्कीम के तहत पात्र नहीं हैं।

इन दस्तावेजों के साथ करें आवेदन
जीवन प्रमाण पत्र, बीमारी के दस्तावेज, स्थाई पते का प्रमाण पत्र, फोटोयुक्त पहचान कार्ड जैसे आधार कार्ड, वोटर कार्ड आदि, बीपीएल प्रमाण पत्र या आय प्रमाण पत्र और बैंक खाते की पूर्ण जानकारी।
उक्त दस्तावेजों के साथ अपने क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता, बहुद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता, खण्ड चिकित्सा अधिकारी अथवा मुख्य चिकित्सा अधिकारी से सीधे सम्पर्क करें।

क्या कहते हैं जिलाधीश
जिलाधीश ऋग्वेद ठाकुर का कहना है कि सहारा योजना आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए वरदान साबित हो रही है। इसके अंतर्गत सरकार जरूरतमंद लोगों को वित्तीय सहायता के साथ-साथ सामाजिक सुरक्षा प्रदान कर रही है।

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