व्यूरो, रिपोर्ट
मेरी मां को ब्लैक फंगस हो गया है और उनके उपचार के लिए चिकित्सकों ने जो इंजेक्शन बताया है वह स्टाक में उपलब्ध नहीं है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और आइजीएमसी के वरिष्ठ चिकित्सक अधीक्षक से मुफ्त उपचार के लिए कहा है तो अब आश्वासन दिया है।
यह बात ब्लैक फंगस से पीडि़त हमीरपुर की 52 वर्षीय महिला के स्वजन सुमित ने कही। उसके अनुसार सरकार तो इलाज का खर्च उठाने को तैयार है पर ब्लैक फंगस दिमाग तक फैल गया है। इसके लिए चिकित्सकों ने लिपोसोमल एम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन लगाने के लिए कहा है। एक डोज तो लगाई पर अब सामान्य इंजेक्शन दिया गया है।
हिमाचल सरकार ब्लैक फंगस के मरीजों का उपचार निश्शुल्क कर रही है। इसके लिए इंजेक्शन हर दिन लगाए जा रहे हैं, जिसकी डोज व्यक्ति के वजन और संक्रमण के आधार पर निर्धारित की जाती है। आइजीएमसी में उपचाराधीन ब्लैक फंगस के 10 मरीजों के उपचार के लिए सरकार को एक करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा है। ब्लैक फंगस के आम तौर पर बाजार में इंजेक्शन उपलब्ध नहीं है।
ब्लैक फंगस के उपचार को तीन तरह के इंजेक्शन ब्लैक फंगस के लिए तीन तरह के इंजेक्शन का प्रयोग किया जाता है। एक तीस सौ रुपये, लिपिड मिक्स 2500 रुपये प्रति वायल और लिपोसोमल एम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन पांच हजार रुपये प्रति वायल है। 50 किलो के भार वाले को प्रतिदिन दस वायल लगानी पड़ती है, यानी 50 हजार रुपये प्रतिदिन का खर्च है। यह इलाज करीब 30 दिन और कई बार 50 से 60 दिन तक चलता है।
सामान्य इंजेक्शन तो उपलब्ध हैं लेकिन लिपोसोमल एम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन की कमी है। जिन दो मरीजों को इन्हें लगवाने की जरूरत थी उनके लिए इसे मंगवाया गया है और डोज दे दी है। दस मरीजों के लिए आने वाले खर्च के लिए सरकार को एक करोड़ का प्रस्ताव भेजा है। डा. जगदीप ठाकुर नोडल अधिकारी
ब्लैक फंगस के मरीजों का सरकार मुफ्त उपचार कर रही है। इसके लिए कोई भी पैसा नहीं लिया जा रहा है। इसके इंजेक्शन महंगे और 30 से 40 दिन तक देने पड़ते हैं। इसलिए खर्च अधिक आता है जो सरकार वहन कर रही है। सभी का उपचार निश्शुल्क किया जा रहा है।-डा. रामलाल, नेत्र रोग विभागाध्यक्ष, आइजीएमसी