व्यूरो, रिपोर्ट
हिमाचल प्रदेश में बारिश ने हर तरफ तबाही मचाई हुई है। जगह-जगह हो रहे भू-स्खलन से कई घरों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। ऐसे में विश्व विख्यात बैजनाथ शिव मंदिर का अस्तित्व भी खतरे में है। सब कुछ आंखों के सामने होता देख भी हर कोई अनजान बना हुआ है। लगातार हो रही बारिश से शिव मंदिर के पार्क के पास ढांक में बिनवा खड्ड किनारे दो जगहों पर भू-स्खलन हो रहा है।
अगर समय रहते पुख्ता इंतजाम न किए गए तो वो दिन दूर नहीं जब शिव मंदिर का वजूद ही खत्म हो जाएगा। गौर करने वाली बात यह भी है कि एक तरफ मंदिर के फूल व अन्य पूजा की सामग्री सालों से उसी ढांक में फेंकी जा रही है। ऊपर से पीछे की तरफ लगी रेलिंग के साथ पानी की बड़ी पाइप में लीकेज से ढांक में पानी का रिसाव हो रहा है। पांच साल पहले भी इसी ढांक में भू-स्खलन होने लगा था।
उस समय मुख्यमंत्री स्व. राजा वीरभद्र सिंह बैजनाथ दौरे पर आए थे, तो बैजनाथ के विधायक किशोरी लाल ने यह मांग उनके समक्ष रखी थी। पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह ने उसी समय 40 लाख रुपए की घोषणा कर दी थी। साथ ही कहा था कि नीचे से रिटेनिंग वॉल का काम शुरू करो। अगर जरूरत होगी तो ओर धनराशि उपलब्ध करवाई जाएगी।
पूर्व विधायक किशोरी लाल का कहना है कि यह 40 लाख की राशि लोक निर्माण विभाग को उपलब्ध हो गई। नीचे से रिटेनिंग वॉल भी लगाई गई, मगर वर्ष 2017 में भाजपा सरकार के सत्तासीन होने पर रिटेनिंग बाल का काम अधूरा छोड़ दिया गया। अब भी यह पैसे लोक निर्माण विभाग के पास पड़ा है। मगर यहां के नुमाइंदे को पता ही नहीं है।
सीएम से मांग, धरोहर को बचाए सरकार
पूर्व विधायक किशोरी लाल ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मांग की है कि यह ऐतिहासिक मंदिर हमारी धरोहर है। इसको बचाना हमारा परम् कत्र्तव्य भी है। इसलिए मंदिर के पास हो रहे भू-स्खलन को जल्द से जल्द रोका जाए। साथ ही लोक निर्माण विभाग को भी आदेश दिए जाएं कि रिटेनिंग वॉल का अधूरा काम जल्द पूरा करे।
सरकार इस मंदिर के अस्तित्व को बचाने के लिए और बजट जारी करे। संबंधित विभागीय अधिकारी मौके का दौरा कर इस भू-स्खलन को रोकने के उपाय दें, ताकि इस पुरात्तन धरोहर को बचाया जा सके।