ज्वाली – अनिल छांगु
हिमाचल प्रदेश प्रशिक्षित बेरोजगार लाइब्रेरियन संघ के प्रदेश महासचिव किशोरी लाल की अध्यक्षता में महाराणा प्रताप भवन जवाली में हुई जिसमें विभिन्न मुद्दों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई।
प्रदेश महासचिव किशोरी लाल ने कहा कि पिछले 20 सालों से शिक्षा विभाग में लाइब्रेरियन का एक भी पद नहीं भरा गया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग ने लाइब्रेरियन का नाम बदला लेकिन उस समय आर एंड पी रुलज नहीं बनाए। उन्होंने कहा कि ऐसा क्यों किया गया? जब लाइब्रेरियन का नाम बदला गया तो आर एंड पी रुलज क्यों नहीं बनाए गए?
प्रदेश महासचिव किशोरी लाल ने कहा कि पहले आर एंड पी रुलज बनाए जाते उसके बाद विषय को खत्म किया जाता है। उन्होंने कहा कि 25 हजार बेरोजगार लाइब्रेरियनों का भविष्य अंधकारमयी है। खुद तो शिक्षा विभाग के कर्मचारी एक लाख की सेलरी ले रहे हैं और बेरोजगार लाइब्रेरियनों के साथ अन्याय कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 में लाइब्रेरियन के पदो को डाइंग केडर में डाला गया लेकिन पद सृजत नहीं किए गए। उन्होंने कहा कि लाइब्रेरी का काफी बजट सेंटर से आता है। यदि स्कूलों में लाइब्रेरियन दी नहीं है तो बजट जाता कहां है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 में सरकार ने कहा कि 771 पदों को भरा जाएगा लेकिन पांच साल बीत जाए के बाद भी कुछ नहीं हुआ। संघ करीबन 22 बार पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मिला लेकिन आश्वासनों में ही भाजपा ने समय गुजार दिया।
मौजूदा समय में भी संघ मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू से दो बार, शिक्षा मंत्री से 2 बार और 2 बार ही कृषि मंत्री चन्द्र कुमार से मिल चुका है लेकिन अभी तक कोई भी हल नहीं निकला है। संघ ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सूक्खु से आग्रह किया है कि इन पदों की नोटिफिकेशन जल्द की जाए ताकि बेरोजगार लाइब्रेरियनों को रोजगार मिल सके।