शिमला – नितिश पठानियां
शिक्षा विभाग में ब्लॉक रिसोर्स सेंटर को-आर्डिनेटर यानी बीआरसीसी की भर्ती पर सुक्खू सरकार को बड़ी जीत मिली है। बीआरसीसी भर्ती प्रक्रिया के लिए राज्य सरकार की ओर से बनाई गई नई पॉलिसी को हाई कोर्ट ने क्लियर कर दिया है।
इस बारे में 18 अक्तूबर, 2023 को जारी पॉलिसी को सही मानते हुए न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने इस भर्ती पर लगाई गई अंतरिम रोक को भी हटा दिया है। इस फैसले के साथ ही अब 282 पदों को भरने का रास्ता साफ हो गया है।
18 अक्तूबर को नोटिफाई की गई नई पॉलिसी में राज्य सरकार ने प्रावधान किया था कि जो शिक्षक एक बार बीआरसीसी रह चुका है, वह दूसरी बार आवेदन के लिए पात्र नहीं होगा। इसी प्रावधान को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी।
मायाराम शर्मा एवं अन्य की ओर से दायर याचिका में कहा गया था कि यह प्रावधान भेदभावपूर्ण है, जबकि राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार ने यह शर्त सभी शिक्षकों को बीआरसीसी के रूप में मौका देने के लिए लगाई है, क्योंकि शिक्षक का मुख्य उद्देश्य शिक्षा है, न कि रिसोर्स कोऑर्डिनेटर।
कोर्ट ने इस प्रावधान को एक समझदारी वाला फैसला बताया और कहा कि इसका उद्देश्य सभी शिक्षकों को इस पद के लिए बराबर मौका देना है। अपने फैसले में न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने इस भर्ती पर लगाई गई अंतरिम रोक को हटाते हुए 18 अक्तूबर, 2023 की नोटिफिकेशन को सही बताया। अब राज्य सरकार इन 282 पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू कर सकती है।
प्रारंभिक शिक्षा विभाग में नियुक्त होने वाले बीआरसीसी के कंधों पर सर्वशिक्षा अभियान, समग्र शिक्षा, शिक्षक प्रशिक्षण और सरकार की ओर से संचालित अन्य योजनाओं को कार्यान्वित करने की जिम्मेदारी रहती है। प्रारंभिक शिक्षा विभाग में इस समय 141 एजुकेशनल ब्लॉक हैं और हर ब्लॉक में दो बीआरसीसी नियुक्त किए जाने हैं।