बारिश, हिमपात से थमे वाहनों के पहिए, सेब की फसल के लिए बरसी संजीवनी, गेहूं की फसल बर्बाद

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व्यूरो, रिपोर्ट

मंगलवार रात व आज सुबह आनी के प्रमुख दर्रे जलोडी पास सहित अन्य ऊंची चोटियों पर हिमपात होने से घाटी श्वेत वर्ण से सरावोर हो गई है। यहां करीब तीन इंच ताजा हिमपात दर्ज किया गया है। इससे एनएच 305 सड़क मार्ग पर दर्रे से आगे सोझा के बीच वाहनों की आवाजाही एक बार पुन: पूर्णतय: ठप हो गई है। वहीं बारिश व बर्फबारी से किसानों व बागबानों के चेहरे खिल उठे हैं। इस बारिश को फसलों तथा बर्फबारी को सेब की अच्छी पैदावार के लिए संजीवनी माना जा रहा है।

पहले सूखे की मार, अब बारिश ने बर्बाद की गेहूं की फसल

जवाली, नगरोटा सूरियां – पहले सूखे ने गेहूं की फसल को मारा, अब रही-सही कसर को बेमौसमी बारिश ने पूरा कर दिखाया। मौसम की बेरुखी ने किसानों को हताश कर दिया है। मंगलवार शाम से हो रही बारिश ने कटाई की हुई किसानों की फसल को गीला कर दिया है तथा खड़ी फसल को भी बारिश से नुकसान हो रहा है। वहीं जिन किसानों ने थ्रेसिंग करवा ली है, उनकी तूड़ी खेतों में सड़ रही है। किसान बारिश होने से काफी हताश हैं तथा मौसम को कोस रहे हैं। किसानों द्वारा अपने खेतों तथा झील के किनारे भी गेहूं की बिजाई की हुई है, पर मौसम ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है।

बर्फबारी और बारिश ने फिर से करवा दिया ठंड का एहसास, सूखे से राहत

गोपालपुर – पहाड़ों पर बर्फबारी और मैदानों में बारिश ने जनवरी-फरवरी महीने का एहसास करवा दिया है। वहीं इस बार लगातार सूखा रहने के कारण पीने के पानी की किल्लत के साथ-साथ खेतों की सिंचाई की भी समस्या हो गई थी। अब बारिश-बर्फबारी से उपरोक्त समस्या का स्थायी समाधान होने का अनुमान लगाया जा रहा है। एक तो कोरोना की बढ़ती रफ्तार, ऊपर से बारिश से हुई ठंड से जनजीवन प्रभावित हो रहा है।

फिर सुनसान हुई सड़कें, भारी बरसात ने दिन में लगाया कर्फ्यू

पालमपुर – आज दोपहर 11 बजे तक पालमपुर शहर की सड़कें सुनी दिखाई दी। बता दें कि एक तरफ तो कोविड-19 की दूसरी लहर ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है, वहीं अचानक मौसम ने भी लोगों का जीना दूभर कर दिया है। चाय नगरी पालमपुर तथा इसके आसपास के इलाकों में रात से हो रही भारी बरसात ने लोगों की मुसीबत बढ़ा दी है। शहर के व्यापारियों पर भी दोहरी मार पड़ रही है। खरीददारी के लिए नाम मात्र भी ग्राहक बाजार में पहुंच पा रहे हैं। वीं गेहूं की खड़ी फसल के लिए मूसलाधार बारिश अत्यंत हानिकारक बताई जा रही है।

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