नगरोटा सूरियाँ, मुनीश पॉल
नगरोटा सूरियां के दुकानदार संदीप माथुर का शव तीन दिन बाद चंडीगढ़ के निजी अस्पताल द्वारा परिजनों को सौंपा गया। इलाज के पैसे न दे पाने पर अस्पताल प्रशासन शव देने से इनकार कर रहा था, लेकिन लंबे संघर्ष, धरना-प्रदर्शन, मीडिया और सोशल मीडिया का सहारा लेने के बाद अब निजी अस्पताल द्वारा शव दिया गया।
मृतक परिवार ने अपना घर, जमीन व सब कुछ बेच कर इलाज पर खर्च कर दिया, लेकिन फिर भी संदीप कुमार की जान नहीं बच पाई। मृतक नगरोटा सूरियां में हलवाई की दुकान करता था। इलाज के दौरान शुक्रवार शाम को उनकी मौत हो गई। परिवार ने इसी अस्पताल में पहले 24 लाख रुपए खर्च कर संदीप माथुर की किडनी ट्रांसप्लांट करवाई थी।
पत्नी ने ही अपने पति को किडनी दी थी। दोबारा फिर बीमार होनेे से परिजन उन्हें इसी अस्पताल ले आए। अस्पताल वालों ने फिर इलाज का 15 लाख रुपए बिल बना दिया, जिसमे से छह लाख रुपए परिजनों ने दे दिए थे नौ लाख रुपए की राशि देने को थी। इसी लिए निजी अस्पताल ने पैसों की खातिर तीन दिन शव परिजनों को नहीं दिया।
पीडि़त परिवार की मदद के लिए रिश्तेदार, दोस्त, समाजसेवक, स्थानीय ग्रामीण तथा नगरोटा सूरियां का व्यापार मंडल धनराशि इक_ी कर रहा है, ताकि इस गरीब परिवार की सहायता की जा सके। मृतक की दो बेटियां व एक बेटा है । लोगों ने सरकार व प्रशासन से पीडि़त परिवार की मदद की फरियाद लगाई है।