बंम धारा का दो दिवसीय मेला सम्पन
बकलोह – भूषण गुरूंग
बकलोह कैंट का बंम धारा का दो दिवसीय मेला सम्पन हुआ। बकलोह बंम धारा मेला कमेटी के प्रधान शर्मिला राई ने बताया की हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी बंमधारा मेला बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया गया।
यह मेला लगभग 1886 से अंग्रजों के समय से चलाता आया है। जव यहां पर गोरखा राइफल का सैंटर हुआ करता था। यह मेला यहा के सब से प्राचीन मेलो मे से एक है। पहले कभी ये मेला आर्मी के द्वारा किया जाता था।
जब से गोरखा ट्रेनिग सैंटर उठ के चली गई तभी से इस मेले की बाग डोर बकलोह के स्थानीय लोगो के हाथो मे है। मेले मे मुख्या अतिथि के रूप में बकलोह बिजली बोर्ड के कनिष्ठ अभियंता अभियंता कमलेश ठाकुर ने बतौर मुख्या अतिथि शिरकत की।
मुख्या अतिथि को मेला कमेंटी के प्रधान शर्मिला राई के द्वारा साल टोपी और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। वही विशेष अतिथि के रूप मे बकलोह के वरिष्ठ नागरिक रमेश कनौजिया को भी स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया।
इन दो दिन के मेले मे जहा महिलाओं के द्वारा मेले मे जमकर खरीदारी की गई। वहीं बच्चों के द्वारा झूलो और खाने पीने का सामान का खुब आंनद लिया।
इस मेले मे बाहर के राज्यो से आए हुए सैकड़ो दुकानदारों ने नई नई वैरियटयों का सामान बेचकर कर जमकर चांदी कुटी। मैले में देर रात तक लोगो ने कुश्ती का आनंद लिया। जेसे ही कुश्ती प्रतियोगिता समाप्त हुई लोगो ने मेले में खरीद दारी कर के अपने घरो की और चल दिए।
मेले मे पहली माली रजत कांगड़ा ने सरन गुरदासपुर को जीत कर 11000 रूपये और हारने वाले को 8100 रूपये दिया गए। वही दुसरे माली अरुण नूरपुर ने आदित्या ज्वाली को हरा कर 7100रूपये और हारने वाले को 5100 नगद इनाम दिए गए। तीसरी माली जीतने वाले विरजेश बनारश ने अभिषक कागड़ा को हरा कर 3100 रूपये और हारने वाले को 2100 रूपये की नगद राशि देकर सम्मानित किया गया।
गौर है कि ये मेला इस जगह का अन्तिम और लास्ट मेला होता है। इसलिए इस मेले में काफी भीड़ देखी जा सकती है और लोग जम कर खरीददारी करते है।