प्रसिद्व शक्तिपीठ शिकारी देवी में उमड़ा आस्था का सैलाब, मां के दर पहुंचने के लिए सैंकड़ों सीढिय़ां चढ़कर पहुंचते है भक्त।
मंडी – अजय सूर्या
प्रसिद्ध शक्तिपीठ शिकारी देवी में इन दिनों में आस्था का सैलाब उमड़ा है। मैदानी इलाकों में लगातार बढ़ती गर्मी के चलते श्रद्धालु व पर्यटकों ने इन दिनों हसीन वादियों की ओर रूख किया हुआ है। दिन-रात मंदिर परिसर में पहुंचने के लिए पर्यटकों व श्रद्वालुओं का तांता लगा रहा है।
हिमाचल प्रदेश का प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर धार्मिक स्थल शिकारी देवी मंदिर करसोग-जंजैहली घाटी में 11,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। इस क्षेत्र की खास बात यह कि यहां हमेशा ठंड रहती है। जिसका नजारा लेने के लिए जम्मू-कश्मीर, पंजाब, दिल्ली सहित अन्य राज्यों के पर्यटक पहुंचते है।
शिकारी चोटी के रास्ते में घने जंगल अद्भुत हैं। मंदिर परिसर तक पहुंचने के लिए पहाड़ी पर बनी सैंकड़ों सीढिय़ों पर एक-एक कदम के साथ पहुंचना पड़ता है। इस मंदिर का इतिहास बहुत ही अद्भुत और रमणीक है।
देवदार के ऊंचे-ऊंचे वृक्षों के बीच में बसा यह धार्मिक स्थल श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। इसका प्राकृतिक सौंदर्य श्रद्धालुओं का मन मोह लेता है। यह मंदिर गर्मियों के दिनों में दर्शनों के लिए खुला रहता है हालांकि सर्दी के दिनों में बर्फ पडऩे के कारण श्रद्धालु कम संख्या में यहां पहुंच पाते हैं।
मंडी जिला की सबसे ऊंची चोटी होने के कारण इसे मंडी का मुकुट भी कहा जाता है। शिकारी मां के दर पहुंचने वाले भक्तों व श्रद्वालुओं के लिए दो-तीन जगह भंडारे का आयोजन भी किया गया।