प्रसिद्ध शक्तिपीठ श्री नयनादेवी में श्रावण अष्टमी मेले का आगाज, 22 घंटे खुले रहेंगे मंदिर के कपाट

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बिलासपुर – सुभाष चंदेल

श्रद्धा और आस्था का प्रतीक उत्तर भारत का प्रसिद्ध शक्तिपीठ श्री नयनादेवी धाम में आज से श्रावण अष्टमी मेले का आगाज हो गया है। मंदिर में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, यूपी, बिहार और अन्य प्रदेशों से श्रद्धालुओं की भारी भीड़ मां नयनादेवी के दर्शनों के लिए पहुंची है। यह मेला 25 जुलाई से 3 अगस्त तक चलेगा।

इस मेले में देशभर से लाखों श्रद्धालुओं के पहुंचने की आशंका है, जिसकाे देखते हुए मंदिर न्यास और प्रशासन ने इस बार विशेष इंतजाम किए हैं ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया है कि मेले के दौरान मंदिर के कपाट दिन में 22 घंटे खुले रहेंगे।

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केवल रात 12 बजे से सुबह 2 बजे तक मंदिर के द्वार नियमित पूजा-अर्चना और सफाई कार्यों के लिए बंद रहेंगे। इससे श्रद्धालुओं को अधिक समय तक दर्शन का अवसर मिल सकेगा और भीड़ का दबाव भी कम रहेगा। श्रावण अष्टमी मेले में उमड़ने वाली भीड़ को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा, चिकित्सा, पेयजल, सफाई और ठहरने जैसी मूलभूत सुविधाओं के बेहतर इंतजाम किए हैं।

अलग-अलग विभागों को इस कार्य के लिए विशेष दिशा-निर्देश दिए गए हैं ताकि मेले की व्यवस्था सुचारू रूप से चल सके। मंदिर परिसर में अत्यधिक भीड़ से बचने के लिए प्रशासन ने श्रद्धालुओं को 200 से 250 लोगों के जत्थों में मंदिर में भेजने का निर्णय लिया है। इससे न केवल श्रद्धालुओं को व्यवस्थित दर्शन मिल सकेंगे, बल्कि सुरक्षा और नियंत्रण बनाए रखना भी आसान होगा।

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परिवहन व्यवस्था में बदलाव

मेला क्षेत्र में यातायात व्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए खास निर्देश जारी किए गए हैं। मंदिर गुफा के पास केवल उन्हीं टैक्सियों को जाने की अनुमति होगी जिन्हें प्रशासन की ओर से विशेष परमिट जारी किए गए हैं। अन्य सभी वाहनों को घवांडल के पास पार्क करना होगा। वहीं, बस स्टैंड तक भी एक समय में केवल तीन बसों को जाने की इजाजत दी गई है ताकि यातायात बाधित न हो।

सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, 9 सैक्टरों में बांटा मंदिर क्षेत्र

मेले के दौरान किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचने के लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। मंदिर क्षेत्र को 9 सैक्टरों में विभाजित किया गया है और हर सैक्टर में एक सैक्टर मैजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है। हालांकि प्रशासन ने शुरू में हर सैक्टर में दो-दो कार्यकारी दंडाधिकारी तैनात करने की योजना बनाई थी, लेकिन फिलहाल मंडी डिवीजनल कमिश्नर द्वारा केवल आठ अधिकारियों की तैनाती के आदेश जारी किए गए हैं।

सुरक्षा बलों की बात करें तो 400 पुलिसकर्मी और 300 होमगार्ड जवानों को मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्रों में तैनात किया गया है। इसके अतिरिक्त 50 सीसीटीवी कैमरों के जरिए मंदिर परिसर की हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है, जबकि दो ड्रोन भी निगरानी के लिए लगाए गए हैं।

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