जवाली, माधवी पण्डित:
प्रदेश सरकार अगर रोजगार नहीं दे सकती तो कोर्स करवाना बन्द करे तथा अपनी डिग्रियां वापिस ले ले। यह बात हिमाचल प्रदेश प्रशिक्षित बेरोजगार लाइब्रेरियन संघ के प्रदेश सचिव किशोरी लाल ने ऑनलाइन बैठक में कही। किशोरी लाल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में प्रमुख पार्टियों भाजपा-कांग्रेस ने प्रशिक्षित लाइब्रेरियनों को ठगा ही है। मात्र वोटों की ही राजनीति की है जबकि जीत हासिल करने के बाद झुनझुना ही मिला है।
किशोरी लाल ने कहा कि प्रदेशभर में लाइब्रेरियों के करीबन चार हजार पद रिक्त पड़े हैं लेकिन उन पदों को भरा नहीं जा रहा है। लाइब्रेरियनों के पद खाली होने से लाइब्रेरियों में पड़ीं किताबों को दीमक चाट रही है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में प्रदेशभर में हजारों लाइब्रेरियन कोर्स करके फ्री बैठे हैं।
उन्होंने कहा कि 15-20 साल पहले बैंकों से कर्ज लेकर लाइब्रेरियनों का कोर्स किया था लेकिन रोजगार न मिलने के कारण बैंकों का कर्ज आजतक नहीं भर पाए हैं। कइयों की जमीनों की कुर्की भी हो चुकी है। कई प्रशिक्षित लाइब्रेरियन रोजगार की आस में आयु सीमा को पार कर चुके हैं और कई पार करने वाले हैं।
उन्होंने कहा कि पूर्व की कांग्रेस सरकार से भी कई बार अपनी मांग को लेकर मिले लेकिन आश्वासन ही मिले और अब भाजपा सरकार से भी कई बार मिल चुके हैं तब भी आश्वासन ही मिल रहे हैं। उन्होंने कहा आखिरकार प्रशिक्षित लाइब्रेरियनों को रोजगार देने में सरकार नाकाम साबित क्यों हो रही है? क्यों लाइब्रेरियनों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है?
उन्होंने चेताया है कि अगर भाजपा सरकार ने विस चुनाव से पहले रोजगार नहीं दिया तो सरकार के खिलाफ आंदोलन का बिगुल बजाया जाएगा तथा प्रशिक्षित लाइब्रेरियन एकजुट होकर सरकार के खिलाफ सड़कों उतरेंगे जिसकी जिम्मेवारी प्रदेश सरकार की होगी।
इस मौके पर संघ जिलाध्यक्ष अंजना देवी, सलाहकार वीरेंद्र खीरी, संजय धीमान, दीपक धीमान, रिंकू गुलेरिया, मोहिंदर मन्हास, ममता चौधरी, सुरेखा धीमान, बबिता, संजय, वेद ने ऑनलाइन भाग लिया।